अर्थव्यवस्था समसामियिकी 1 (13-Jan-2021)औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में संकुचन(Contraction in industrial production index)
Posted on January 13th, 2021 | Create PDF File
हाल ही में राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (National Statistical Office -NSO) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार नवंबर , 2020 में औद्योगिक उत्पादन में 1.9% का संकुचन आया है।
हाल ही में राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (National Statistical Office -NSO) ने वर्ष 2020 के नवंबर माह हेतु औद्योगिक उत्पादन (Industrial production) से संबन्धित आंकड़ों को जारी किया है। नवंबर, 2020 के लिए जारी औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (Index of Industrial Production -IIP) में बताया गया है कि भारत में 2020 के नवंबर माह में औद्योगिक उत्पादन 1.9% सिकुड़ गया था। पिछले दो महीने के बाद अब फिर से यह निगेटिव दर में चला गया है।
आईआईपी के मुताबिक, औद्योगिक उत्पादन में कमी की प्रमुख वजह विनिर्माण और खनन क्षेत्रों द्वारा खराब प्रदर्शन रहा है। विनिर्माण क्षेत्र का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में लगभग 77.63% हिस्सा है और इसमें नवंबर 2020 में 1.7% का संकुचन दर्ज किया गया है। वहीं खनन क्षेत्र के उत्पादन में भी 7.3% की गिरावट आई है। हालाँकि, समीक्षाधीन माह में बिजली उत्पादन 3.5% बढ़ा है।
अगर तुलनात्मक रूप से देखा जाये तो नवंबर 2019 में आईआईपी 2.1% बढ़ गया था। हालाँकि सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय का कहना है कि कोविड-19 महामारी से पहले के महीनों के डेटा के साथ महामारी के बाद के महीनों में आईआईपी की तुलना करना उचित नहीं है। गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी और इसके कारण लगाए गए राष्ट्रव्यापी लाकडाउन के चलते मार्च 2020 में औद्योगिक उत्पादन 18.7% गिर गया था और अगस्त 2020 तक यह नकारात्मक क्षेत्र(negative zone) में बना रहा था।
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी)
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) , भारतीय अर्थव्यवस्था में विभिन्न क्षेत्रों के वृद्धि या विकास का विवरण प्रस्तुत करता है, यथा- रिफाइनरी उत्पाद, खनिज खनन, बिजली, विनिर्माण, सीमेंट आदि। इसे सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (National Statistical Office -NSO) द्वारा, मासिक रूप से संकलित और प्रकाशित किया जाता है।
दरअसल यह सूचकांक अर्थव्यवस्था का एक समग्र संकेतक है जो कि प्रमुख क्षेत्र (Core Sectors) एवं उपयोग आधारित क्षेत्र के आधार पर आँकड़े उपलब्ध कराता है। कोर सेक्टर का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में लगभग 40.27 फीसदी योगदान होता है ।
गौरतलब है कि आईआईपी, अर्थव्यवस्था के विभिन्न उद्योग समूहों में एक निश्चित समय अवधि में विकास दर को प्रदर्शित करता है अर्थात आईआईपी, एक समग्र संकेतक है जो वर्गीकृत किये गए उद्योग समूहों की वृद्धि दर को मापता है । इसके आकलन के लिये आधार वर्ष ‘2011-2012’ है। आईआईपी में आठ कोर उद्योग का भारांश घटते के क्रम में निम्न प्रकार से है : रिफाइनरी उत्पाद> विद्युत> इस्पात> कोयला> कच्चा तेल> प्राकृतिक गैस> सीमेंट> उर्वरक।
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) का उपयोग भारतीय रिजर्व बैंक, वित्त मंत्रालय तथा अन्य सरकारी एजेंसियों व संगठनों द्वारा सार्वजनिक नीति-निर्माण में किया जाता है।