राष्ट्रीय समसामयिकी 2(30-June-2022)^राष्ट्रमंडल राजनयिक अकादमी कार्यक्रम^(Commonwealth Diplomatic Academy Program)
Posted on June 30th, 2022
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और यूके के उनके समकक्ष लिज़ ट्रस ने संयुक्त “भारत-यूके राष्ट्रमंडल राजनयिक अकादमी कार्यक्रम” शुरू करने की योजना की घोषणा की है।
इस योजना की घोषणा रवांडा में उनकी बैठक के बाद की गई थी। भारत-यूके राष्ट्रमंडल राजनयिक अकादमी कार्यक्रम दोनों देशों के युवा और महत्त्वाकांक्षी राजनयिकों को प्रशिक्षित करने के लिये शुरू किया जाएगा।
नए राष्ट्रमंडल राजनयिक अकादमी कार्यक्रम की घोषणा इसलिये की गई क्योंकि भू-राजनीतिक दुनिया में देशों को लोकतंत्र और संप्रभुता के राष्ट्रमंडल मूल्यों को तेज़ी से सशक्त बनाने की ज़रूरत है।
नया राष्ट्रमंडल राजनयिक अकादमी कार्यक्रम युवा राजनयिकों को विशेषज्ञता और प्रशिक्षण से लैस करेगा जिसकी उन्हें वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिये आवश्यकता है।
हाल ही में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने किगाली में राष्ट्रमंडल शासनाध्यक्षों की बैठक (Commonwealth Heads of Government Meeting– CHOGM) में हिस्सा लिया।
इस बैठक के दौरान उन्होंने “मज़बूत और पुनर्जीवित राष्ट्रमंडल परिवार” के महत्त्व को उजागर करने तथा सभी सदस्यों को लाभ पहुँचाने के लिये एक संयुक्त बयान जारी किया।
उन्होंने नई दिल्ली में भारत-यूके राष्ट्रमंडल राजनयिक अकादमी कार्यक्रम की मेज़बानी करने की घोषणा की।
राष्ट्रीय समसामयिकी 2(30-June-2022)राष्ट्रमंडल राजनयिक अकादमी कार्यक्रम(Commonwealth Diplomatic Academy Program)
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और यूके के उनके समकक्ष लिज़ ट्रस ने संयुक्त “भारत-यूके राष्ट्रमंडल राजनयिक अकादमी कार्यक्रम” शुरू करने की योजना की घोषणा की है।
इस योजना की घोषणा रवांडा में उनकी बैठक के बाद की गई थी। भारत-यूके राष्ट्रमंडल राजनयिक अकादमी कार्यक्रम दोनों देशों के युवा और महत्त्वाकांक्षी राजनयिकों को प्रशिक्षित करने के लिये शुरू किया जाएगा।
नए राष्ट्रमंडल राजनयिक अकादमी कार्यक्रम की घोषणा इसलिये की गई क्योंकि भू-राजनीतिक दुनिया में देशों को लोकतंत्र और संप्रभुता के राष्ट्रमंडल मूल्यों को तेज़ी से सशक्त बनाने की ज़रूरत है।
नया राष्ट्रमंडल राजनयिक अकादमी कार्यक्रम युवा राजनयिकों को विशेषज्ञता और प्रशिक्षण से लैस करेगा जिसकी उन्हें वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिये आवश्यकता है।
हाल ही में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने किगाली में राष्ट्रमंडल शासनाध्यक्षों की बैठक (Commonwealth Heads of Government Meeting– CHOGM) में हिस्सा लिया।
इस बैठक के दौरान उन्होंने “मज़बूत और पुनर्जीवित राष्ट्रमंडल परिवार” के महत्त्व को उजागर करने तथा सभी सदस्यों को लाभ पहुँचाने के लिये एक संयुक्त बयान जारी किया।
उन्होंने नई दिल्ली में भारत-यूके राष्ट्रमंडल राजनयिक अकादमी कार्यक्रम की मेज़बानी करने की घोषणा की।