कला एवं संस्कृति समसामियिकी 1 (21-Sept-2020)^चेंदमंगलम साड़ी ^(Chendamangalam Saree)
Posted on September 21st, 2020
केरल के एर्नाकुलम के पास एक छोटा से शहर चेंदमंगलम (Chendamangalam) की साड़ियाँ अपने पुलियिलाकारा बॉर्डर (Puliyilakara Border) के कारण एक अगल पहचान रखती हैं।चेंदमंगलम, केरल के एर्नाकुलम के पास एक छोटा सा शहर है जो अपने प्राचीन इतिहास एवं संस्कृति के कारण प्रसिद्ध है।यहूदी, ईसाई, मुस्लिम एवं हिंदू पूजा स्थलों के साथ यह शहर प्राचीन बंदरगाह मुज़िरिस (Muziris) का हिस्सा था।यह शहर मूल रूप से कर्नाटक के बुनकर समुदाय ‘देवांग चेट्टियारों’ (Devanga Chettiars) द्वारा महीन सूत कटाई के लिये जाना जाता है।
भौगोलिक संकेतक (जीआई-टैग) प्राप्त चेंदमंगलम साड़ी अपनी पुलियिलाकारा बॉर्डर (Puliyilakara Border) से पहचानी जा सकती है जो पतली काली रेखाएँ हैं और ये साड़ी के स्लीवेज (Selvedge) के साथ डिज़ाइन की जाती है।अतिरिक्त-वज़न वाले चुट्टीकारा (Chuttikara) एवं धारियों तथा अलग-अलग चौड़ाई की बनावट के साथ इन साड़ियों की डिज़ाइन थोड़ी बदल गई है।बारीक सूती धागे से निर्मित इन साड़ियों को तैयार करने में डिज़ाइन के अनुसार तीन से चार दिन लगते हैं।नवाचार के रूप में इन साड़ियों में ग्राफिक-एज फिनिशिंग (Graphic-edged Finishing) एवं कासवु ज़री बॉर्डर (Kasavu Zari Borders) जैसी विशेषताओं को भी अपनाया गया है।
केयर 4 चेंदमंगलम (Care 4 Chendamangalam- C4C) पहल स्थानीय स्तर पर शुरू की गई एक निजी पहल है। C4C पहल के दो उद्देश्य हैं प्रथम पारंपरिक चेंदमंगलम क्लस्टर को पुनर्जीवित करना और द्वितीय चेंदमंगलम साड़ी के लिये अगली पीढ़ी को प्रशिक्षित करना।
कला एवं संस्कृति समसामियिकी 1 (21-Sept-2020)चेंदमंगलम साड़ी (Chendamangalam Saree)
केरल के एर्नाकुलम के पास एक छोटा से शहर चेंदमंगलम (Chendamangalam) की साड़ियाँ अपने पुलियिलाकारा बॉर्डर (Puliyilakara Border) के कारण एक अगल पहचान रखती हैं।चेंदमंगलम, केरल के एर्नाकुलम के पास एक छोटा सा शहर है जो अपने प्राचीन इतिहास एवं संस्कृति के कारण प्रसिद्ध है।यहूदी, ईसाई, मुस्लिम एवं हिंदू पूजा स्थलों के साथ यह शहर प्राचीन बंदरगाह मुज़िरिस (Muziris) का हिस्सा था।यह शहर मूल रूप से कर्नाटक के बुनकर समुदाय ‘देवांग चेट्टियारों’ (Devanga Chettiars) द्वारा महीन सूत कटाई के लिये जाना जाता है।
भौगोलिक संकेतक (जीआई-टैग) प्राप्त चेंदमंगलम साड़ी अपनी पुलियिलाकारा बॉर्डर (Puliyilakara Border) से पहचानी जा सकती है जो पतली काली रेखाएँ हैं और ये साड़ी के स्लीवेज (Selvedge) के साथ डिज़ाइन की जाती है।अतिरिक्त-वज़न वाले चुट्टीकारा (Chuttikara) एवं धारियों तथा अलग-अलग चौड़ाई की बनावट के साथ इन साड़ियों की डिज़ाइन थोड़ी बदल गई है।बारीक सूती धागे से निर्मित इन साड़ियों को तैयार करने में डिज़ाइन के अनुसार तीन से चार दिन लगते हैं।नवाचार के रूप में इन साड़ियों में ग्राफिक-एज फिनिशिंग (Graphic-edged Finishing) एवं कासवु ज़री बॉर्डर (Kasavu Zari Borders) जैसी विशेषताओं को भी अपनाया गया है।
केयर 4 चेंदमंगलम (Care 4 Chendamangalam- C4C) पहल स्थानीय स्तर पर शुरू की गई एक निजी पहल है। C4C पहल के दो उद्देश्य हैं प्रथम पारंपरिक चेंदमंगलम क्लस्टर को पुनर्जीवित करना और द्वितीय चेंदमंगलम साड़ी के लिये अगली पीढ़ी को प्रशिक्षित करना।