व्यक्ति विशेष समसामियिकी 1 (27-Feb-2021)^चंद्रशेखर आज़ाद^(Chandrashekhar Azad)
Posted on February 27th, 2021
* 27 फरवरी, 2021 को भारतीय क्रांतिकारी चंद्रशेखर आज़ाद की 90वीं पुण्यतिथि मनाई गई।
* चंद्रशेखर आज़ाद का जन्म 23 जुलाई, 1906 को मध्य प्रदेश के वर्तमान अलीराजपुर ज़िले के भाभरा गाँव में हुआ था।
* अपनी वीरता और नि:स्वार्थता के लिये प्रसिद्ध चंद्रशेखर आज़ाद बहुत कम उम्र में ही भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में शामिल हो गए।
* जब उन्होंने वर्ष 1921 में गांधीजी के असहयोग आंदोलन में हिस्सा लिया उस समय वे मात्र 14 वर्ष के थे।
* उनके सर्वोच्च नेतृत्व कौशल एवं संगठनात्मक क्षमता ने उन्हें ‘हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन’ (HRA) को ‘हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन’ (HRSA) के रूप में पुनर्गठित करने और उसे मज़बूत बनाने में मदद की।
* असहयोग आंदोलन की वापसी के बाद चंद्रशेखर आज़ाद क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल हो गए और फिर उन्होंने राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्त्व में 9 अगस्त, 1925 को काकोरी घटना को अंजाम दिया, जिसके बाद वे पुलिस के चंगुल से बच निकलने में कामयाब हो गए।
* चंद्रशेखर आज़ाद ने 27 फरवरी, 1931 को इलाहाबाद (वर्तमान प्रयागराज) के अल्फ्रेड पार्क में अंग्रेज़ अफसरों से मुठभेड़ के दौरान स्वयं को गोली मार ली।
* वर्तमान में अल्फ्रेड पार्क को चंद्रशेखर आज़ाद पार्क के नाम से जाना जाता है।
व्यक्ति विशेष समसामियिकी 1 (27-Feb-2021)चंद्रशेखर आज़ाद(Chandrashekhar Azad)
* 27 फरवरी, 2021 को भारतीय क्रांतिकारी चंद्रशेखर आज़ाद की 90वीं पुण्यतिथि मनाई गई।
* चंद्रशेखर आज़ाद का जन्म 23 जुलाई, 1906 को मध्य प्रदेश के वर्तमान अलीराजपुर ज़िले के भाभरा गाँव में हुआ था।
* अपनी वीरता और नि:स्वार्थता के लिये प्रसिद्ध चंद्रशेखर आज़ाद बहुत कम उम्र में ही भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में शामिल हो गए।
* जब उन्होंने वर्ष 1921 में गांधीजी के असहयोग आंदोलन में हिस्सा लिया उस समय वे मात्र 14 वर्ष के थे।
* उनके सर्वोच्च नेतृत्व कौशल एवं संगठनात्मक क्षमता ने उन्हें ‘हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन’ (HRA) को ‘हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन’ (HRSA) के रूप में पुनर्गठित करने और उसे मज़बूत बनाने में मदद की।
* असहयोग आंदोलन की वापसी के बाद चंद्रशेखर आज़ाद क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल हो गए और फिर उन्होंने राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्त्व में 9 अगस्त, 1925 को काकोरी घटना को अंजाम दिया, जिसके बाद वे पुलिस के चंगुल से बच निकलने में कामयाब हो गए।
* चंद्रशेखर आज़ाद ने 27 फरवरी, 1931 को इलाहाबाद (वर्तमान प्रयागराज) के अल्फ्रेड पार्क में अंग्रेज़ अफसरों से मुठभेड़ के दौरान स्वयं को गोली मार ली।
* वर्तमान में अल्फ्रेड पार्क को चंद्रशेखर आज़ाद पार्क के नाम से जाना जाता है।