स्वास्थ्य समसामियिकी 3 (13-July-2020)सीसीआरएस कोविड-19 मरीजों का केवल सिद्ध पद्धति से उपचार के लिए जल्द शुरू करेगा अनुसंधान(CCRS will soon start research for treatment of Covid-19 patients with proven method only)
Posted on July 13th, 2020 | Create PDF File
केंद्रीय सिद्ध अनुसंधान परिषद (सीसीआरएस) मात्र सिद्ध पद्धति से कोविड-19 मरीजों के उचार को लेकर अनुसंधान करेगी।
उल्लेखनीय है कि सीसीआरएस सिद्ध पद्धति में अनुसंधान के लिए शीर्ष निकाय है।
वर्तमान समय में तमिलनाडु के स्टेनली राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल एवं अन्य सरकारी संस्थानों में कोविड-19 मरीजों को एलोपैथी के साथ-साथ सिद्ध पद्धति से उपचार दिया जा रहा है।
कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए सटीक दवा की अनुपस्थिति में राज्य सरकार सिद्ध पद्धति के सह उपचार को उम्मीद की किरण के तौर पर देख रही है।
इसके मद्देनजर, कोविड-19 के हल्के या मामूली लक्षण वाले मरीजों का उपचार करने के लिए चेन्नई के वयासारपड़ी स्थित डॉ.अंबेडकर राजकीय कला महाविद्यालय एवं जवाहर महाविद्यालय में विशेष रूप से सिद्ध कोविड-19 मरीज देखरेख केंद्र की स्थापना की गई है।
सीसीआरएस की महानिदेशक डॉ.के. कनकावल्ली ने कहा, ‘‘ हम मात्र सिद्ध पद्धति से कोविड-19 मरीज का उपचार काबसुरा कुदीनीर, ब्रह्मनंद बैरावम गोली, अदथोदाई मनापगू और दो या इससे अधिक दवाओं के माध्यम से करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।’’
उन्होंने बताया कि ब्रह्मनंद बैरावम सिद्ध पद्धति की दवा है जो पारंपरिक जड़ी-बूटियों एवं अयस्कों से बनायी जाती है और बुखार के इलाज में उपयोग की जाती है जबकि अदथोदाई मनापगू का इस्तेमाल खांसी, विभिन्न तरह के बुखार और पेट की गड़बड़ियों के इलाज के लिए किया जाता है।
डॉ.के. कनकावल्ली ने बताया, ‘‘हमें पहले ही जरूरी अनुमति संबंधित अधिकारियों से मिल गई है और यहां तक कि आयुष मंत्रालय से भी मंजूरी मिल गई है।’’
उन्होंने कहा कि सरकार से धन मिलने के बाद अनुसंधान कार्य शुरू हो जाएगा।
डॉ.के. कनकावल्ली ने कहा कि कुछ दवाओं का पहले ही इस्तेमाल सिद्ध कोविड-19 मरीज देखरेख केंद्रों और जिला अस्पतालों में हो रहा है जहां पर कोरोना वायरस संक्रमितों का उपचार चल रहा है।
उन्होंने कहा कि इस महीने के अंत तक स्टेनली अस्पताल में सहायक उपचार के तौर पर दी जा रही सिद्ध दवा के आधार पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि हाल में सिद्ध डॉक्टरों और इलाज में शामिल अधिकारियों ने स्टेनली अस्पताल के अधिकारियों से चर्चा की थी और प्रगति की समीक्षा की थी।
डॉ.के. कनकावल्ली ने कहा, ‘‘हम कुछ रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं जिनमें प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने वाले काबसुरा कोनकोशन दवा से प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने वाले प्रोटीन संबंधी अध्ययन शामिल हैं।’’