बजट भाषण सारांश (Budget Speech Summary)

Posted on July 5th, 2019 | Create PDF File

hlhiuj

केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन ने आज लोकसभा 2019-20 का केन्‍द्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था इस वर्ष 3 ट्रिलियन डॉलर की हो रही है। क्रय शक्ति की समानता के रूप में यह विश्‍व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था है। सरकार की अगले पांच वर्षों में बुनियादी ढांचे में इच्‍छा 100 लाख करोड़ रुपये निवेश करना, 2019-20 में एक लाख 5 हजार करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्‍य को बढ़ाना, क्रेडिट को बढ़ावा देने के लिए पीएसबी को 70 हजार करोड़ रुपये उपलब्‍ध कराने का प्रस्‍ताव, अंतिम पांच वर्षां में खाद्य सुरक्षा बजट को दोगुना करना, 10 हजार करोड़ रुपये के खर्च से विद्युत वाहनों को तेजी से अपनाना, अफ्रीका में 18 नए भारतीय दूतावास मिशन खोलना,‍ विश्‍वस्‍तरीय पर्यटन स्‍थलों में 17 महत्‍वपूर्ण पर्यटन स्‍थलों का विकास तथा 1,2,5,10 और 20 रुपये के सिक्‍कों की नई श्रृंखला जारी करना आज केन्‍द्रीय वित्‍त और कॉरपोरेट मामलों के मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन द्वारा संसद में पेश केन्‍द्रीय बजट 2019-20 की कुछ प्रमुख बातें हैं।

 

अपने पहले बजट भाषण में वित्‍तमंत्री ने कहा कि जलजीवन मिशन के तहत 2024 तक सभी ग्रामीण परिवारों के हर घर को जल उपलब्‍ध कराया जाएगा, 2022 तक प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत सभी को घर उपलब्‍ध कराया जाएगा। अगले 5 वर्षों में पीएमजीएसवाई-3 के तहत 80 हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 1,25,000 किलोमीटर लम्‍बी ग्रामीण सड़कों का उन्‍नयन कराया जाएगा, इन सड़कों की हर मौसम में कनेक्टिविटी 97 प्रतिशत से अधिक होगी, बांस, शहद और खादी कलस्‍टरों के लिए स्‍फूर्ति के तहत आम सुविधा केन्‍द्रों की स्‍थापना, कृषि ग्रामीण उद्योग क्षेत्रों में 75 हजार कुशल उद्यमियों के विकास के लिए 2019-20 के दौरान 20 आजीविका व्‍यापार केन्‍द्रों और 20 तकनीकी व्‍यापार केन्‍द्रों की स्‍थापना, अर्थव्‍यवस्‍था के ग्रामीण और कृषि क्षेत्रों में किए जाने वाले महत्‍वपूर्ण और नए कार्य हैं।

 

श्रीमती निर्मला सीतारामन ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में एनडीए सरकार का पहला कार्यकाल काम करने वाली सरकार के रूप में रहा है। इसका लाभ आखिरी मील तक आपूर्ति करने वाला रहा है। 2014-19 के दौरान सरकार ने नवीन केन्‍द्र-राज्‍य गतिशीलता, सहकारी संघवाद, जीएसटी परिषद तथा वित्‍तीय विषय में गंभीर प्रतिबद्धता उपलब्‍ध कराई है। इससे नए भारत के निर्माण की गति प्रशस्‍त हुई है। नीति आयोग द्वारा योजित और सहायता से एक व्‍यापक आधार वाले थिंकटैंक ने ऐसे कार्य प्रदर्शन किए हैं कि रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के सिद्धांत सफल हो सकते हैं।

 

अनेक कार्यक्रमों और पहलों में सरकार ने अप्रत्‍याशित स्‍तर पर कार्य किया है।

 

2014 से पूर्व

2014 के बाद

खाद्य सुरक्षा

1.2 लाख करोड़ रुपये

1.8 लाख करोड़ रुपये

पेटेंट की संख्‍या

4000

13,000(2017-18)

न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य

89,740 करोड़ रुपये

1,71,127.48 करोड़ रुपये (2018-19)

 

वित्‍तमंत्री ने कहा कि पिछले 5 वर्षों के दौरान शुरू किए गए बड़े कार्यक्रमों और दी गई सेवाओं को और गति प्रदान की जाएगी तथा प्रक्रियाओं को अधिक सरल बनाने, कार्य प्रदर्शन को प्रोत्‍साहित करने, लाल फीताशाही कम करने तथा इच्छित लक्ष्‍य प्राप्‍त करने के लिए प्रौद्योगिकी का श्रेष्‍ठ उपयोग करने के लिए अच्‍छे प्रयास किए जाएंगे।

 

वित्‍तमंत्री ने कहा कि चालू वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था में प्रगति होगी और यह 3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था बन जाएगी। तथा अगले पांच वर्षों में यह 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था बनकर प्रधानमंत्री के विजन तक पहुंच जाएगी। अब यह दुनिया में छठी सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था है। 2014 में यह 11वें स्‍थान पर थी। क्रय शक्ति की समानता के रूप में वास्‍तव में हम चीन और अमेरि‍का के बाद पहले से ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था हैं।

 

उन्‍होंने कहा कि इस और इससे अधिक स्‍तर को प्राप्‍त करने के लिए हमें लगातार अनेक संगठनात्‍मक सुधार करने की जरूरत है। जैसे पिछले पांच वर्षों के दौरान हमने विशेष रूप से अप्रत्‍यक्ष कराधान,  दिवालियापन और रियल एस्‍टेट में अनेक बड़े सुधार देखे हैं। मुद्रा ऋण के माध्‍यम से जन सामान्‍य के जीवन में काफी बदलाव हुआ है। अनेक कार्यक्रमों के तहत यह भी सुनिश्चित किया गया कि उनकी रसोई धुंए से मुक्‍त हों, उनके घर में बिजली के कनेक्‍शन हों और उनके घर की महिलाओं के सम्‍मान के लिए घरों में शौचालयों के निर्माण को सुनिश्चित किया गया है।

 

उन्‍होंने कहा कि नीति को लकवा मारने और लाइसेंस-कोटा नियंत्रण शासन के दिन बीत चुके हैं। हम मिलकर आपसी विश्‍वास से लाभ उठा सकते हैं। विकास को तेजी से उत्‍प्रेरक बनाकर सतत राष्‍ट्रीय प्रगति अर्जित कर सकते हैं। मैं घरेलू और विदेशी निवेश के महत्‍वपूर्ण चक्र की शुरूआत के लिए एक रूपरेखा के हिस्‍से के रूप में अनेक पहलों का प्रस्‍ताव करना चाहती हूं।

 

संपर्क सेवाओँ को अर्थव्यवस्था की धमनी बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना,औद्योगिक गलियारों, समर्पित माल भाड़ा गलियारों, भारतमाला और सागरमाला परियोजनाओं, जलमार्ग विकास और उड़ान योजनाओं के जरिए भौतिक संपर्क के सभी माध्यमों को काफी बढ़ावा दिया है। औद्योगिक गलियारों के बनने से उद्योग की संभावना वाले क्षेत्रों में अपेक्षाकृत अधिक औद्योगिक निवेश के लिए अवसंरचना का विकास बेहतर होगा,समर्पित माल भाड़ा गलियारों से हमारे रेल नेटवर्क पर बोझ घटेगा जिससे आम आदमी को लाभ होगा। भारतमाला के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम से राष्ट्रीय सड़क गलियारों और राजमार्गों के विकास में मदद मिलेगी, जबकि सागरमाला से बंदरगाहों को जोड़ने और उनके आधुनिकीकरण में मदद मिलेगी जिससे बंदरगाह उद्योग फले-फूलेगा। यदि सागरमाला का उद्देश्य विदेशी व्यापार के लिए अवसंरचना में सुधार लाना है तो यह समान रूप से गरीब आदमी की परिवहन व्यवस्था भी है। जलमार्ग परिवहन आवागमन का एक सस्ता साधन साबित हुआ है। राष्ट्रीय जलमार्गों पर नौवहन की क्षमता बढ़ाने के लिए जल मार्ग विकास परियोजना का उद्देश्य जल परिवहन के जरिए आंतरिक व्यापार को बढ़ावा देना है। इस पहलों से परिवहन की लागत कम होगी, घरेलू उत्पाद ज्यादा प्रतिस्पर्धी होंगे और लॉजिस्टिक सेवाओं में काफी सुधार आएगा।

 

वित्त मंत्री ने कहा कि दुनिया के तीसरे सबसे बड़े घरेलू उड्डयन बाजार के रूप में अब भारत के लिए विमानन क्षेत्र के वित्त पोषण और जहाजों को पट्टे पर देने की गतिविधियों में शामिल होने का समय आ गया है। श्रीमती सीतारामन ने कहा कि देश में रखरखाव और मरम्मत से जुड़े विमानन उद्योग (एमआरओ) के लिए बेहतर कारोबारी माहौल उपलब्ध कराने तथा इसमें आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भारत की क्षमताओँ का लाभ उठाने का प्रस्ताव किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार एमआरओ क्षेत्र के विकास के लिए अनुकूल नीतियां बनाएंगी।

 

वित्त मंत्री ने बताया कि मंत्रिमंडल के अनुमोदन के पश्चात् 3 वर्ष की अवधि के लिए 10,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ फेम (एफएमई) योजना, फेस-II 2019 की शुरुआत 1 अप्रैल, 2019 को की गई। इस योजना का मुख्य उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद के लिए प्रोत्साहन की पेशकश तथा उनके लिए जरूरी चार्जिंग अवसंरचना स्थापित कर ऐसे वाहनों के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करना है। इस योजना के अंतर्गत केवल उन्नत बैटरी वाले और पंजीकृत ई-वाहनों को ही प्रोत्साहन दिया जाएगा।

 

श्रीमती सीतारामन ने रेलवे का उल्लेख करते हुए कहा कि 2018-2030 के बीच रेल अवसंरचना विकास के लिए 50 लाख करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता होगी। इसे देखते हुए रेलवे का पूंजी परिव्यय प्रति वर्ष 1.5 से 1.6 लाख करोड़ रुपये रखा गया है। उन्होने कहा कि सभी मंजूर परियोजनाएं पूरी करने में कई दशक लग जाएंगे। अतः यह प्रस्ताव किया जाता है कि पटरियां बिछाने, रेलिंग स्टाफ विनिर्माण तथा यात्री मालभाड़ा सेवाओं की सुपुर्दगी के लिए सरकारी निजी भागीदारी का इस्तेमाल किया जाए।

 

वित्त मंत्री ने बताया कि कनेक्टिविटी अवसंरचना को अगले स्तर पर ले जाने के लिए एक देश, एक ग्रिड – जिससे सभी राज्यों को किफायती दरों पर बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित हुई है, उन्होंने आगे कहा कि इस सफल बिजली कनेक्टिविटी मॉडल को अपनाएंगे। वित्त मंत्री ने गैस ग्रिड, जल ग्रिड, आई-वे और क्षेत्रीय हवाई अड्डों के विकास के लिए इस वर्ष एक ब्ल्यूप्रिंट लाने का प्रस्ताव पेश किया।

 

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि लोगों की जरबदस्त प्रतिक्रिया से उत्साहित होकर भारत सरकार ने प्रधानमंत्री करम योगी मानधन योजना नामक नई स्कीम के अंतर्गत 1.5 करोड़ रुपये से कम वार्षिक कारोबार करने वाले लगभग 3 करोड़ खुदरा व्यापारियों और छोटे दुकानदारों को पेंशन लाभ देने का निर्णय लिया है। इस स्कीम में नामांकन की प्रक्रिया को सामान्य रखा जाएगा जिसमें केवल आधार और बैंक खातों की आवश्यकता होगी और शेष स्वघोषणा पर निर्भर करेगा।

 

बजट पेश करते हुए यह भी बताया कि निवेश प्रेरित विकास के लिए कम लागत वाली पूंजी सुलभ होने की आवश्यकता है। यह अनुमान है कि भारत को प्रतिवर्ष औसत 20 लाख करोड़ रुपये (प्रतिवर्ष 300 बिलियन अमरीकी डॉलर) के निवेश की आवश्यकता है। वित्त मंत्री ने अवसंरचना के वित्तपोषण के लिए पूंजी स्रोत बढ़ाने के लिए कई उपाय किए जाने का प्रस्ताव पेश किया जिसके अंतर्गत निम्नलिखित बातें शामिल हैं :

 

  • ऋण गांरटी संवर्धन निगम जिसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विनियम अधिसूचित किए गए हैं, को 2019-20 में अधिसूचित किया जाएगा।
  • अवसंरचना क्षेत्र पर विशेष ध्यान केन्द्रित करते हुए कॉरपोरेट, क्रेडिट डिफाल्टट स्वैप सहित दीर्घाविधिक बॉन्डों के लिए बाजार को मजबूती प्रदान करने हेतु एक योजना लाई जाएगी।

 

वित्त मंत्री ने आईडीएफ-एनबीएफसी द्वारा निर्गमित ऋण प्रतिभूतियों में एफआईआई/एफपीआई द्वारा किए गए निवेश को विनिर्दिष्ट लाक-इन अवधि के भीतर किसी भी घरेलू निवेशक को अंतरित किए जाने/बेचे जाने की अनुमति दिए जाने का प्रस्ताव भी पेश किया।

 

बजट पेश करते हुए यह भी बताया कि वैश्विक विदेशी प्रत्यक्ष निवेश प्रवाह 2018 में 13 प्रतिशत गिरकर पिछले वर्ष के 1.5 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर से 1.3 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर पर आ गया। यूएनसीटीएडी के विश्व निवेश रिपोर्ट 2019 के अनुसार यह तीसरी लगातार वार्षिक गिरावट थी। 2018-19 में भारत का विदेशी प्रत्यक्ष निवेश अंतर्वाह 64.375 बिलियन अमरीकी डॉलर पर मजबूत रहा। इसमें पिछले वर्ष की तुलना में 6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। वित्त मंत्री ने भारत को अधिक आकर्षक विदेशी प्रत्यक्ष निवेश का गंतव्य स्थान बनाने के लिए इस आय को और अधिक समेक्षित करने का प्रस्ताव भी रखा।

 

ए. सरकार विमानन, मीडिया (एनिमेशन, एवीजीसी) और बीमा क्षेत्रों को एफडीआई के लिए और अधिक खोलने के सुझावों पर विचार करेंगी। इसके लिए सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा।

 

बी. बीमा मध्यस्थता कम्पनियों में 100 प्रतिशत विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) अनुमति दी जाएगी।

 

सी. एकल ब्रांड रिटेल में एफडीआई के लिए स्थानीय आपूर्ति नियमों को आसान बनाया जाएगा।

 

आगे वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में भारत को शीर्ष विप्रेषण प्राप्तकर्ता बताया और भारतीय पूंजी बाजार में अनिवासी भारतीय इक्विटी तक अनिवासी भारतीयों को निर्बाध पहुंच मुहैया कराने की दृष्टि से एनआरआई पोर्टफोलियो स्कीम मार्ग का विदेशी पोर्टफोलियो निवेश मांग में विलय करने का प्रस्ताव भी रखा।

 

वित्त मंत्री ने बजट भाषण के दौरान बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की उज्ज्वला योजना और सौभाग्य योजना नामक दो प्रमुख पहलों ने प्रत्येक ग्रामीण परिवार के जीवन को बदल दिया है, उनके जीवन को आसान बनाने में नाटकीय सुधार आया है। स्वच्छ रसोई गैस की परिवार को सुलभता में, 7 करोड़ से अधिक एलपीजी कनेक्शन देने की व्यवस्था के जरिए अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। सभी गांव और देशभर में लगभग 100 प्रतिशत को बिजली प्रदान की गई है। सक्षम कार्यान्वयन और इसे उत्साह पूर्वक अपनाए जाने की वजह से ग्रामीण परिवारों के लिए ऊर्जा की सुलभता में महत्वपूर्ण सुधार आया है। 2022 तक अर्थात भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष तक मैं राष्ट्र को आश्वासन देना चाहूंगी कि जो परिवार कनेक्शन लेने के इच्छुक नहीं हैं, उनको छोड़कर प्रत्येक ग्रामीण परिवार को बिजली और स्वच्छ रसोई की सुविधा मिलेगी।

 

आगे उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण का लक्ष्य 2022 तक सबके लिए आवास के उद्देश्य को हासिल करना है। पिछले पांच वर्षों में कुल 1.54 करोड़ ग्रामीण घर पूरे किए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि पीएमएवाई-जी के दूसरे चरण में, 2019-20 से 2021-22 के दौरान, पात्र लाभार्थियों को 1.95 करोड़ आवास मुहैया कराने का प्रस्ताव है। ये आवास, शौचालय, बिजली और एलपीजी कनेक्शन जैसी सुविधाओं के साथ दिए जा रहे हैं। प्रौद्योगिकी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण मंच और प्रौद्योगिकी निविष्टियों के उपयोग से आवासों को पूरा करने हेतु दिनों की औसत संख्या 2015-16 में 3014 दिनों से घटाकर 2017-18 में 114 दिन कर दी गई हैं।

  

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से ग्रामीण क्षेत्रों को बहुत से सामाजिक-आर्थिक लाभ मिले हैं। पात्र और व्‍यवहार्य बस्तियों को जोड़ने के लक्ष्‍य को 2022 से पहले 2019 में पूरा करना तय किया गया है, क्‍योंकि ऐसी 97 प्रतिशत बस्तियों को हर मौसम में संपर्कता प्रदान की गई है। ऐसा पिछले 1000 दिनों में तेज गति से प्रति दिन 130 से 133 किलोमीटर सड़क निर्माण के कारण संभव हुआ है। वित्‍त मंत्री ने कहा कि पीएमजीएसवाई-III 80,250 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से अगले पांच वर्षों में 1,2500 किलोमीटर सड़क को अपग्रेड करने की परिकल्‍पना की गई है।

 

श्रीमती सीतारामन ने कहा कि पारम्‍परिक उद्योगों का उन्‍नयन और पुनर्सजृन निधि योजना का लक्ष्‍य पारम्‍परिक उद्योगों को अधिक से अधिक उत्‍पादक, लाभदायक और निरंतर रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए सक्षम बनाने हेतु क्‍लस्‍टर आधारित विकास सुसाध्‍य बनाने के लिए अधिकाधिक सामान्‍य सुविधा केन्‍द्र स्‍थापित करना है। प्रमुख क्षेत्र बांस, शहद और खादी क्‍लस्‍टर है। स्‍फुर्ति के अंतर्गत 2019-20 के दौरान 100 नये क्‍लास्‍टरों की स्‍थापना करना है, जिससे 50,000 शिल्‍पकारों को आर्थिक मूल्‍य श्रृंखला में शामिल होने के लिए सम‍र्थ बनाया जाएगा। इसके अतिरिक्‍त ऐसे उद्योगों की प्रौद्योगिकी सुधारने के लिए आजीविका बिजनेस इंक्‍यूबेटर और प्रौद्योगिकी बिजनेस इंक्‍यूबेटर स्‍थापित करने के लिए नवाचार, ग्रामीण उद्योग और उद्यमिता के संवर्धन के लिए योजना को समेकित किया गया है। इस योजना के अंतर्गत कृषि, ग्रामीण उद्योग के क्षेत्रों में 75000 कुशल उद्यमियों को तैयार करने के लिए 2019-20 में 80 आजीविका बिजनेस इंक्‍यूबेटर और 20 प्रौद्योगिकी बिजनेस इंक्‍यूबेटर स्‍थापित करने की परिकल्‍पना की गई है।

 

प्रधानमंत्री मत्‍स्‍य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के माध्‍यम से मत्‍स्‍य विभाग एक मजबूत मत्‍स्‍य ढांचे की स्‍थापना करेगा। ये मूल्‍य श्रृंखला को मजबूत बनाने संबंधी महत्‍वपूर्ण खामियों का समाधान करेंगे, जिसमें बुनियादी ढांचा, आधुनिकीकरण, पता लगाने की योजना, उत्‍पादन, उत्‍पादकता, पैदावार प्रबंध और गुणवत्‍ता नियंत्रण शामिल है। 

 

वित्‍त मंत्री ने कहा कि भारत में जल सुरक्षा सुनिश्चित करना और सभी देशवासियों के लिए शुद्ध और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है। श्रीमती सीतारामन ने कहा कि जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय और पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय को आपस में जोड़कर जल शक्ति मंत्रालय बनाना इस दिशा में एक प्रमुख कदम है। यह नया मंत्रालय एक  समन्वित और समग्र रूप से हमारे जल संसाधनों के प्रबंधन और जल आपूर्ति की देखरेख करेगा। साथ ही जल जीवन मिशन के तहत 2024 तक सभी ग्रामीण परिवारों के लिए ‘हर घर जल’ (पाइप द्वारा जल आपूर्ति) सुनिश्चित करने के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम करेगा। सरकार ने ‘जल शक्ति अभियान’ के लिए 256 जिलों के ऐसे 1592 ब्लॉकों की पहचान की है, जहां जल का संकट है। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत उपलब्ध धन का इस्तेमाल करने के अलावा, सरकार ‘पूरक वानिकी निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण’ (सीएएमपीए) के तहत उपलब्ध अतिरिक्त धन के इस्तेमाल की संभावना भी तलाशेगी।

 

प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान के अंतर्गत अभी तक 2 करोड़ से अधिक ग्रामीणों को डिजिटल रूप से साक्षर बनाया गया है। ग्रामीण-शहरी डिजिटल अंतर को पाटने के लिए भारत नेट देश की प्रत्‍येक पंचायत के स्‍थानीय निकायों में इंटरनेट कनेक्टिविटी लक्षित कर रहा है। इसे सार्वजनिक बाध्‍यता निधि की सहायता से तथा सार्वजनिक निजी भागीदारी व्‍यवस्‍था से तेजी से बढ़ाया जाएगा।

 

प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी (पीएमएवाई-शहरी) के अंतर्गत लगभग 4.83 लाख करोड़ रुपए के निवेश से 81 लाख से अधिक आवासों के निर्माण की मंजूरी दी गई है, जिसमें से लगभग 47 लाख आवासों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। 26 लाख से अधिक आवासों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, जिसमें से लगभग 24 लाख आवास लाभार्थियों को दिए जा चुके हैं। इन आवासों के निर्माण के लिए बड़े पैमाने पर नई प्रौद्योगिकियों को अपनाया गया है। इन प्रौद्योगिकियों के इस्‍तेमाल से अभी तक 13 लाख से अ‍धिक आवासों का निर्माण किया गया है।

 

महात्‍मा गांधी के आदर्शों के प्रति खुद को समर्पित करने के लिए उनकी 150वीं वर्षगांठ एक उपयुक्‍त अवसर है। 2 अक्‍टूबर, 2019 तक भारत को खुले में शौच से मुक्‍त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने स्‍वच्‍छ भारत के गांधीजी के निश्‍चय को हासिल करने का संकल्‍प लिया है। मुझे खुशी है कि यह लक्ष्‍य 2 अक्‍टूबर से पहले हासिल कर लिया जाएगा।

 

वित्‍त मंत्री ने कहा कि सरकार देश की उच्‍च शिक्षा प्रणाली को दुनिया की एक बेहतरीन शिक्षा प्रणाली बनाने के लिए नई राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति लेकर आएगी। नई नीति के तहत स्‍कूलों और उच्‍च शिक्षा दोनों में बड़े बदलाव का प्रस्‍ताव किया गया है। इसमें बेहतर प्रशासन तथा अनुसंधान और नवाचार पर ज्‍यादा जोर दिया गया है। इसमें देश में अनुसंधान कार्यों के वित्‍त पोषण, समन्‍वय और प्रोत्‍साहन के लिए राष्‍ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एनआरएफ) के गठन का प्रस्‍ताव किया गया है। उन्‍होंने कहा कि इन पहलों से देश में शिक्षा की गुणवत्‍ता में काफी सुधार आया है। पांच वर्ष पहले तक देश की एक भी शिक्षण संस्‍था दुनिया के 200 शीर्ष विश्‍वविद्यालयों में अपनी जगह नहीं बना पाई थी। शिक्षण संस्‍थाओं द्वारा अपने स्‍तर में सुधार लाने तथा बेहतर विश्‍वसनीयता के कारण आज देश के दो भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान तथा बेंगलुरू का राष्‍ट्रीय विज्ञान संस्‍थान दुनिया के शीर्ष 200 शिक्षण संस्‍थाओं में अपनी जगह बना चुके हैं।

 

श्रीमती सीतारामन ने कहा कि ‘कायाकावेकैलाशा’ को कार्यान्वित करते हुए, सरकार प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के जरिए उद्योग के लिए प्रासंगिक कौशल प्रशिक्षण लेने हेतु लगभग 10 मिलियन युवाओं को सक्षम बनाती है। यह गति और अन्‍य स्‍तरों के साथ बहुतायत में कौशलयुक्‍त जनशक्ति सृजित करने में सहायक है। उन्‍होंने कहा कि सरकार कृत्रिम बुद्धिमत्‍ता (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) (एआई), कम्‍प्‍यूटर संबंधी उपकरण, बिग डाटा, 3डी प्रिन्टिंग, आभासी वास्‍तविकता और रॉबर्ट विज्ञान जैसे नये युग के कौशलों पर भी ध्‍यान देगी, जिसकी देश और विदेश में काफी मांग है और ये काफी ज्‍यादा पारिश्रमिक भी प्रदान करते हैं।

 

श्रीमती सीतारामन ने कहा कि सरकार ने मुद्रा,  स्‍टैंडअप इंडिया एवं स्‍वयं सहायता समूह कार्यक्रमों जैसी विभिन्‍न योजनाओं के जरिये महिला उद्यमिता में सहायता दी है और महिला उद्यम को बढ़ावा दिया है। सभी जिलों में महिला स्‍व-सहायता समूह जेसे हितकारी कार्यक्रमों का विस्‍तार करने का प्रस्‍ताव है। इसके अलावा जन-धन बैंक खाताधारक प्रत्‍येक सत्‍यापित महिला स्‍व-सहायता समूह सदस्‍य को 5,000 रुपये के ओवरड्राफ्ट की अनुमति होगी। प्रत्‍येक स्‍व-सहायता समूह में एक महिला को मुद्रा योजना के अंतर्गत 1,00,000 रुपये तक ऋण उपलब्‍ध कराया जाएगा।

 

वित्‍त मंत्री ने कहा कि सरकार 17 प्रतिष्ठित पर्यटन स्‍थलों को विश्‍व स्‍तरीय पर्यटन स्‍थल के रूप में विकसित कर रही है, जो अन्‍य पर्यटन स्‍थलों के लिए एक मॉडल के रूप में कार्य करेंगे। ये प्रतिष्ठित पर्यटन स्‍थल सैलानियों को बेहतर अनुभव प्रदान करेंगे, जिससे इन स्‍थलों पर देशी और विदेशी दोनों पर्यटक बड़ी संख्‍या में आएंगे। उन्‍होंने कहा कि समृद्ध आदिवासी सांस्‍कृतिक विरासत का परिरक्षण करने के उद्देश्‍य से, एक डिजिटल संग्रह बनाया गया है, जिसमें भारत में आदिवासियों के दस्‍तावेजों, लोक गीतों, उनके विकास क्रम के फोटोचित्रों और वीडियों, उत्‍पत्ति स्‍थल, जीवनशैली, वास्‍तुकला, शिक्षा स्‍तर, पारंपरिक कला, लोकनृत्‍य तथा अन्‍य मानव विकास का संग्रह किया जाता है। उन्‍होंने कहा कि इस संग्रह को और अधिक समृद्ध और सुदृढ़ बनाया जाएगा।

 

वित्‍त मंत्री ने सरकार के दृष्टिकोण के 10 बिन्‍दुओं को चिन्हित किया :-

 

क.     वास्‍तविक और सामाजिक बुनियादी ढांचा तैयार करना;

ख.     डिजिटल इंडिया को अर्थव्‍यवस्‍था के प्रत्‍येक क्षेत्र तक पहुंचाना;

ग.      हरी-भरी धरती और नीले आकाश के साथ प्रदूषण मुक्‍त भारत;

घ.      विशेषकर एमएसएमई, स्‍टार्ट-अप्‍स, रक्षा निर्माण, वाहनों, इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स, वस्‍त्रों और बैटरियों तथा चिकित्‍सा उपकरणों के साथ मेक इन इंडिया;

ङ.       जल, जल प्रबंधन, स्‍वच्‍छ नदियां;

च.      नीली अर्थव्‍यवस्‍था;

छ.     अंतरिक्ष कार्यक्रम, गगनयान, चन्‍द्रयान और उपग्रह कार्यक्रम;

ज.     खाद्यान्‍नों, दालों, तिलहनों, फलों और सब्जियों में आत्‍मनिर्भरता और निर्यात;

झ.     स्‍वस्‍थ समाज – आयुष्‍मान भारत, अच्‍छी तरह से पोषित महिला और बच्‍चा। नागरिकों की सुरक्षा;

 

जन भागीदारी के साथ टीम इंडिया। न्‍यूनतम सरकार अधिकतम शासन।