पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी समसामयिकी 1 (22-Apr-2021)^ब्लू नेचर एलायंस^(Blue Nature Alliance)
Posted on April 22nd, 2021
आगामी पाँच वर्षों में महत्त्वपूर्ण जलीय क्षेत्रों और महासागरों का संरक्षण सुनिश्चित करने के लिये एक नई वैश्विक समुद्री पहल शुरू की गई है।
‘ब्लू नेचर एलायंस’ नामक इस पहल को विभिन्न परोपकारी संगठनों, राष्ट्रीय सरकारों, स्थानीय समुदायों, स्वदेशी लोगों, वैज्ञानिकों और शिक्षाविदों के सहयोग से शुरू किया गया है।
‘ब्लू नेचर एलायंस’ प्रारंभ में अपने संरक्षण कार्यों के तहत 4.8 मिलियन वर्ग किलोमीटर (1.9 मिलियन वर्ग मील) क्षेत्र में फैले तीन समुद्री क्षेत्रों यथा- फिजी का लाउ सीस्केप, अंटार्कटिका का दक्षिणी महासागर और दक्षिणी अटलांटिक महासागर में ट्रिस्टन दा कुन्हा द्वीप को कवर करेगा।
इस पहल का प्राथमिक उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के कारण सबसे अधिक प्रभावित होने वाले स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर कार्य करना है और ऐसे में यह पहल समुद्री संरक्षण में मददगार होने के साथ-साथ पारिस्थितिकी तंत्र का लचीलापन बढ़ाने में भी मददगार साबित हो सकती है।
पृथ्वी की सतह के दो-तिहाई से अधिक हिस्से पर मौजूद महासागर मानवीय जीवन को काफी अधिक प्रभावित करते हैं और ये तटीय या छोटे द्वीप क्षेत्रों में रहने वाले समुदायों की आजीविका के लिये विशेष तौर पर महत्त्वपूर्ण होते हैं।
इसके बावजूद दुनिया भर में महासागर गंभीर तनाव का सामना कर रहे हैं।
पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी समसामयिकी 1 (22-Apr-2021)ब्लू नेचर एलायंस(Blue Nature Alliance)
आगामी पाँच वर्षों में महत्त्वपूर्ण जलीय क्षेत्रों और महासागरों का संरक्षण सुनिश्चित करने के लिये एक नई वैश्विक समुद्री पहल शुरू की गई है।
‘ब्लू नेचर एलायंस’ नामक इस पहल को विभिन्न परोपकारी संगठनों, राष्ट्रीय सरकारों, स्थानीय समुदायों, स्वदेशी लोगों, वैज्ञानिकों और शिक्षाविदों के सहयोग से शुरू किया गया है।
‘ब्लू नेचर एलायंस’ प्रारंभ में अपने संरक्षण कार्यों के तहत 4.8 मिलियन वर्ग किलोमीटर (1.9 मिलियन वर्ग मील) क्षेत्र में फैले तीन समुद्री क्षेत्रों यथा- फिजी का लाउ सीस्केप, अंटार्कटिका का दक्षिणी महासागर और दक्षिणी अटलांटिक महासागर में ट्रिस्टन दा कुन्हा द्वीप को कवर करेगा।
इस पहल का प्राथमिक उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के कारण सबसे अधिक प्रभावित होने वाले स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर कार्य करना है और ऐसे में यह पहल समुद्री संरक्षण में मददगार होने के साथ-साथ पारिस्थितिकी तंत्र का लचीलापन बढ़ाने में भी मददगार साबित हो सकती है।
पृथ्वी की सतह के दो-तिहाई से अधिक हिस्से पर मौजूद महासागर मानवीय जीवन को काफी अधिक प्रभावित करते हैं और ये तटीय या छोटे द्वीप क्षेत्रों में रहने वाले समुदायों की आजीविका के लिये विशेष तौर पर महत्त्वपूर्ण होते हैं।
इसके बावजूद दुनिया भर में महासागर गंभीर तनाव का सामना कर रहे हैं।