पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी समसामयिकी 1(29-Nov-2022)काले प्रवाल(Black Coral)
Posted on November 29th, 2022 | Create PDF File
हाल ही में शोधकर्ताओं ने ऑस्ट्रेलिया के तट पर ग्रेट बैरियर रीफ और कोरल सागर में सतह से 2,500 फीट (762 मीटर) नीचे रहने वाले काले प्रवाल की पाँच नई प्रजातियों की खोज की है।
काले प्रवाल :
काले प्रवाल (एंथोज़ोआ: एंटीपाथारिया) उथले जल से लेकर 26,000 फीट (8,000 मीटर) से अधिक की गहराई तक में पाए जा सकते हैं। कुछ प्रवाल 4,000 से अधिक वर्षों तक जीवित रह सकते हैं।
हालाँकि, काले प्रवालों का वर्गीकरण कई अन्य एंथोज़ोअन समूहों की तुलना में स्पष्ट नहीं है।
इनमें से कई प्रवाल शाखाओं वाले होते हैं और जो पंख या झाड़ियों की तरह दिखते हैं।
उथले-जल में पाए जाने वाले रंगीन प्रवाल ऊर्जा के लिये सूर्य और प्रकाश संश्लेषण पर निर्भर होते हैं, के विपरीत काले प्रवाल फिल्टर फीडर होते हैं और गहरे जल में प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाले छोटे प्राणिप्लवक का सेवन करते हैं।
इसी तरह, उथले जल के प्रवाल जो मछलियों से भरी रंगीन चट्टानों जैसे होते हैं, काले प्रवाल महत्त्वपूर्ण निवास स्थान के रूप में कार्य करते हैं। यहाँ मछली और अकशेूरुकीय भोजन करते हैं और शिकारियों से अपना बचाव करते हैं । उदाहरण के लिये, 2,554 अलग-अलग अकशेरूकीय एक काले प्रवाल समूह में रहते थे जिसे वैज्ञानिकों ने संयुक्त राज्य अमेरिका के कैलिफोर्निया तट से वर्ष 2005 में एकत्रित किया था।
प्रवाल भित्ति :
प्रवाल समुद्री अकशेरूकीय या ऐसे जंतु हैं जिनमें रीढ़ नहीं होती है। वैज्ञानिक वर्गीकरण के तहत प्रवाल फाइलम निडारिया और एंथोजोआ वर्ग के अंतर्गत आते हैं।
प्रवाल आनुवंशिक रूप से समान जीवों से बने होते हैं जिन्हें ‘पॉलीप्स’ कहा जाता है। इन पॉलीप्स में सूक्ष्म शैवाल होते हैं जिन्हें ज़ूजैन्थेले (Zooxanthellae) कहा जाता है जो उनके ऊतकों के भीतर रहते हैं।
प्रवाल और शैवाल आपस में संबंधित होते हैं।
प्रवाल ज़ूजैन्थेले को प्रकाश संश्लेषण हेतु आवश्यक यौगिक प्रदान करता है।
बदले में ज़ूजैन्थेले कार्बोहाइड्रेट की तरह प्रकाश संश्लेषण के जैविक उत्पादों की प्रवाल को आपूर्ति करता है, जो उनके कैल्शियम कार्बोनेट कंकाल के संश्लेषण हेतु प्रवाल पॉलीप्स द्वारा उपयोग किया जाता है।
यह प्रवाल को आवश्यक पोषक तत्त्वों को प्रदान करने के अलावा इसे अद्वितीय और सुंदर रंग प्रदान करता है।
उन्हें "समुद्रों के वर्षावन" भी कहा जाता है।
प्रवाल दो प्रकार के होते हैं :
हार्ड कोरल/प्रवाल:
वे कठोर,सफेद प्रवाल एक्सोस्केलेटन बनाने के लिये समुद्री जल से कैल्शियम कार्बोनेट निकालते हैं।
कठोर प्रवाल कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO3) से बने एक कठोर कंकाल का उत्पादन करते हैं जो एक क्रिस्टल रूप में होता है जिसे अर्गोनाइट कहा जाता है।
वे प्राथमिक रीफ-बिल्डिंग प्रवाल हैं। वे कठोर प्रवाल जो चट्टानों का निर्माण करते हैं उन्हें हर्मेटिपिक प्रवाल कहा जाता है
‘सॉफ्ट’ कोरल/प्रवाल :
‘सॉफ्ट’ कोरल एक कठोर कैल्शियम कार्बोनेट है जो कंकाल और चट्टानों का निर्माण नहीं करता है, हालाँकि वे एक प्रवाल पारिस्थितिकी तंत्र में मौजूद हैं।
ये ज़्यादातर समूह में रहते हैं; अक्सर देखने में ये एक बड़े जीव की तरह प्रतीत होते हैं लेकिन वास्तव में एक बड़ी संरचना से बनी हई संयुक्त कॉलोनी होती है। आमतौर,पर ये सॉफ्ट प्रवाल कॉलोनियाँ देखने में पेड़ों, झाड़ियों और घास से मिलती-जुलती प्रतीत होती हैं।
महत्त्व :
ये समुद्री जैव विविधता का 25% से अधिक का समर्थन करते हैं, हालाँकि वे समुद्र तल का केवल 1% हैं।
चट्टानों द्वारा समर्थित समुद्री जीवन वैश्विक मछली पकड़ने के उद्योगों को और बढ़ावा देता है।
इसके अलावा, प्रवाल भित्ति तंत्र के सेवा व्यापार और पर्यटन के माध्यम से वार्षिक आर्थिक मूल्य में 2.7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई है।