राष्ट्रीय समसामयिकी 1(24-Sept-2022)अंबेडकर सर्किट(Ambedkar Circuit)
Posted on September 25th, 2022 | Create PDF File
शीघ्र ही ‘पंच तीर्थ’ (डॉ बी आर अंबेडकर से जुड़े पांच प्रमुख स्थल) को जोड़ने वाला एक ‘पर्यटन सर्किट’ सरकार द्वारा कनेक्टिविटी में सुधार, पर्यटन को बढ़ाने और इन स्थानों को ब्रांड बनाने के लिए तैयार किया जाएगा। इस ‘पर्यटन सर्किट’ को अम्बेडकर परिपथ (Ambedkar Circuit) कहा जाएगा।
अंबेडकर सर्किट :
अंबेडकर सर्किट देश के महान अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, समाज सेवक और देश के पहले कानून एवं न्याय मंत्री के रूप में अपनी पहचान स्थापित करने वाले डॉ भीमराव अंबेडकर की स्मृति में बनाया जाएगा।
इसके तहत देश भर के चार राज्यों और एक दूसरे देश में स्मृति स्थल का निर्माण किया जाएगा, जहां बाबा साहब ने अपने जीवन का महत्वपूर्ण समय बिताया है।
इसमें से पहला स्थान ‘जन्म भूमि’ के नाम से पहचाना जाएगा, जो मध्य प्रदेश के महू शहर में निर्मित होगा। ये बीआर अंबेडकर का जन्म स्थान है।
दूसरी है ‘शिक्षा भूमि’, लंदन में एक ऐसी जगह जहां उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की थी।
तीसरी होगी नागपुर शहर में ‘दीक्षा भूमि’, जहां उन्होंने बौद्ध धर्म ग्रहण किया था।
चौथी है ‘महापरिनिर्वाण भूमि’ जो दिल्ली स्थित होगी, ये उनके निधन का स्थान था।
पांचवी और आखिरी है ‘चैत्य भूमि’ जो उनके दाह संस्कार की जगह है, ये मुंबई में स्थित होगी।
अंबेडकर सर्किट के लिए विशेष ट्रेन :
उनके जीवन से जुड़ी इन पांच मुख्य जगहों को पंचतीर्थ के नाम से संबोधित किया जा रहा है।
सरकार का देश में मौजूद इन चार मुख्य जगहों को स्पेशल ट्रेन से जोड़ने का सपना है।
ट्रेन में यात्रियों के लिए आरामदायक सफर सुनिश्चित करने हेतु खाना, ट्रांसपोर्टेशन और इन स्थानों पर आसानी से एंट्री करने की पूरी सुविधा दी जाएगी।
ये भारत में इस प्रकार से चलने वाली पहली ट्रेन नहीं होगी। देश में रामायण, बुद्धिस्ट और नॉर्थ ईस्ट सर्किट्स एसे तीन सर्किट हैं, जो जनता के लिए पहले से चल रही हैं।
भारत सरकार की 2014-15 की स्वदेश दर्शन योजना के तहत कुछ 15 पर्यटन केंद्रों की स्थापना की जानी थी।
और अंबेडकर सर्किट इस लक्ष्य को पूरा करने की राह में इस तरह का चौथा सर्किट होगा।
इसके बाद कोस्टल सर्किट, डेजर्ट सर्किट, ईको सर्किट, हेरिटेज, हिमालयन, सूफी, कृष्णा, ग्रामीण, आदिवासी और तीर्थंकर सर्किट्स स्थापित किए जाने का लक्ष्य है।