आकाशवाणी सार (8-Aug-2019)
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Posted on August 9th, 2019 | Create PDF File

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मुख्य समाचार-


*रिजर्व बैंक के रेपो दर में 35 आधार अंकों की कमी के बाद बैंकों के ऋण सस्‍ते होंगे।

*भारत ने पाकिस्‍तान से राजनयिक संबंधों के स्‍तर को कम करने के एकतरफा फैसले की समीक्षा करने को कहा। भारत ने अनुच्‍छेद 370 से जुड़ी हाल के सभी फैसलों को पूरी तरह अपना आंतरिक मामला बताया।

*उच्‍चतम न्‍यायायलय ने जम्‍मू कश्‍मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्‍छेद 370 को हटाने संबंधी राष्‍ट्रपति के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से फिलहाल इंकार किया।

*राष्‍ट्रपति ने पूर्व राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया। नानाजी देशमुख और भूपेन हजारिका भी मरणोपरान्‍त देश के सर्वोच्‍च नागरिक सम्‍मान से अलंकृत।

*सेसेंक्‍स 637 अंक बढ़कर 37 हजार पर पहुंचा, निफ्टी भी ग्‍यारह हजार के स्‍तर पर।

समाचार विस्तार से-

*भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो दर में 35 आधार अंकों की कमी की है। रेपो दर पांच दशमलव सात-पांच प्रतिशत से घटाकर पांच दशमलव चार प्रतिशत कर दी गई है। इससे अन्‍य बैंकों के ऋण सस्‍ते होंगे। मुंबई में कल तीसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा नीति में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने लगातार चौथी बार रेपो रेट में कटौती की घोषणा की।

इस बीच भारतीय स्टेट बैंक ने अपनी उधारी दर में 15 आधार अंकों की कटौती करने की घोषणा की है। बैंक ने कहा है कि आठ दशमलव दो-पांच प्रतिशत की नई दर 10 अगस्त से लागू होगी। इस कटौती के बाद स्टेट बैंक के आवास ऋण, अप्रैल के बाद से 35 आधार अंक सस्ते हो जाएंगे।

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*अगस्त क्रांति दिवस की आज 77वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। इसे देश के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में महत्‍वपूर्ण माना जाता है। 1942 में आज ही के दिन महात्मा गांधी ने ब्रिटिश शासन का खत्मा करने के लिए मुंबई में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के सत्र में भारत छोड़ो आंदोलन की घोषणा की थी । क्रिप्स मिशन की असफलता के बाद गांधी जी ने मुंबई के गोवालिया टैंक मैदान में करो या मरो का नारा दिया था। अब इस मैदान को अगस्‍त क्रांति मैदान के नाम से जाना जाता है। एक रिपोर्ट-

वर्ष 1942 के अगस्त महीने के शुरु में ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लगभग पूरे नेतृत्व को बिना किसी सुनवाई के जेल में डाल दिया गया। ब्रिटिश हुकुमत ने हजारों की संख्या में गिरफ्तार स्वतंत्रता आंदोलन के नेताओं को 1945 तक कैद में रखा। हालांकि अंग्रेजों के दमन, आंदोलन में समन्वय की कमी और स्पष्ट कार्ययोजना नहीं होने के कारण भारत छोड़ो आंदोलन अपनी तात्कालिक उद्देश्य की प्राप्ति में विफल रहा लेकिन इस आंदोलन की धमक से ब्रिटिश सरकार को यह एहसास हो गया कि भारत पर अब लंबे समय तक राज नहीं किया जा सकता। इसके बाद वे शांति से सत्ता छोड़ने और वापसी के प्रश्न पर विचार करने लगे। सुनील डबीर के साथ दिवाकर आकाशवाणी समाचार दिल्ली।

कृतज्ञ राष्ट्र आज स्वतंत्रता सेनानियों को श्रृद्धांजलि दे रहा है।
भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर संसद में एक विशेष समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता सेनानियों के महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की थी और अगस्त क्रांति के महत्व पर जोर दिया था।

1947 में देश आजाद हुआ लेकिन 47 की आजादी से पहले 42 की घटना एक प्रकार से अंतिम व्यापक आंदोलन था, अंतिम व्यापक जनसंघर्ष था और उस जनसंघर्ष में आजादी के लिए देशवासियों को सिर्फ समय का ही इंतजार था। वो स्थिति पैदा कर दी और जब हम आजादी के इस आंदोलन की ओर देखते हैं तो 1942 एक ऐसी पीठिका तैयार हुई 1857 का स्वातंत्र संग्राम एक साथ देश के हर कोने में आजादी का बिगुल बजा था।


अंग्रेजों के विरुद्ध भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत करते समय ही गांधीजी ने यह साफ़ कर दिया था की वह अहिंसा के मार्ग से ही देश की आज़ादी की लड़ाई लड़ेंगे। अपने भाषण में गांधीजी ने कहा था: "वर्तमान जैसे अवसर हर किसी के जीवन में नहीं पर कदाचित किसी किसी के जीवन में आते है। मैं चाहता हूं कि आप यह जानें और महसूस करें कि आज मैं जो कुछ भी कर रहा हूं, विशुद्ध रूप से भारत की स्वतंत्रता के लिए एक अहिंसक लड़ाई है। और ऐसे ही शख्स थे जिन्होंने दत्तात्रेय गोपीनाथ गांधी को प्रेरित किया और वह अपने साथियो के साथ स्वतंत्रता की लड़ाई में शामिल हुए। श्री दत्तात्रेय बताते है की मुंबई आकाशवाणी पे गांधीजी का भाषण सुनने के बाद, उन्होंने ठान लिया कि वह भी भारत छोड़ो आंदोलन का हिस्सा बनेंगे। संघर्ष के उन दिनों को याद करते हुए 96 वर्षीय श्री दत्तात्रेय ने कहा - और इसलिए भारत की आज़ादी में भारत छोड़ो आंदोलन का महत्व भुलाया नहीं जा सकता। 

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*भारत ने कहा है कि द्विपक्षीय संबंधों के मामले में राजनयिक रिश्‍ते कम करने सहित एकतरफा कार्रवाई करके पाकिस्‍तान दुनिया को यह दिखाना चाहता है कि स्थिति खतरनाक है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्‍तान ने जिन बातों का हवाला दिया है उनमें कोई सच्‍चाई नहीं है।


पाकिस्‍तान की कार्रवाई पर खेद व्‍यक्‍त करते हुए मंत्रालय ने अनुरोध किया कि पाकिस्‍तान अपने फैसले पर फिर विचार करे ताकि राजनयिक संबंध बरकरार रहें।


विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार सरकार और संसद के फैसले जम्‍मू कश्‍मीर को विकास के अवसर उपलब्‍ध कराने की प्रतिबद्धता पर आधारित हैं‍। संविधान में अस्‍थायी प्रावधान के कारण राज्‍य का विकास नहीं हो पा रहा था। अब इन उपायों से सामाजिक-आर्थिक भेदभाव भी दूर हो सकेगा। मंत्रालय ने कहा कि भारत के फैसले से जम्‍मू कश्‍मीर में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी और राज्‍य के सभी लोगों को आजीविका के बेहतर अवसर मिल सकेंगे।


मंत्रालय ने कहा कि इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है कि जम्‍मू कश्‍मीर में विकास कार्यों की पहल को पाकिस्‍तान नकारात्‍मक ढंग से देखेगा क्‍योंकि वह सीमापार से आतंकवाद की अपनी कार्रवाई को उचित ठहराने के लिए राज्‍य के लोगों की भावनाओं का गलत इस्‍तेमाल करता रहा है। मंत्रालय ने कहा कि अनुच्‍छेद 370 से जुड़ी हाल की सभी कार्रवाइयां भारत का आंतरिक मामला हैं। देश का संविधान सर्वोपरि है और रहेगा। खतरे की अफवाह के सहारे इस मामले में दखल देने से कुछ हासिल नहीं होगा।
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*उच्‍चतम न्‍यायायलय ने जम्‍मू कश्‍मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्‍छेद 370 को हटाने संबंधी राष्‍ट्रपति आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर तुरन्‍त सुनवाई करने से इंकार कर दिया है। न्‍यायालय ने अनुच्‍छेद-370 के प्रावधान हटाये जाने के बाद जम्‍मू कश्‍मीर में प्रतिबंध लगाने के सरकार के फैसले को चुनौती देने के लिए कांग्रेस के एक कार्यकर्ता की ओर से दायर याचिका पर भी तुरन्‍त सुनवाई से इंकार कर दिया। यह मुद्दा न्‍यायमूर्ति एन वी रमना की अध्‍यक्षता वाली पीठ के समक्ष तुरन्‍त सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने के लिए रखा गया था। लेकिन न्‍यायालय ने कहा कि इन याचिकाओं पर सुनवाई उपयुक्‍त समय पर होगी।

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*भारत-बांग्‍लादेश गृहमंत्री स्तर की सातवीं बैठक कल नई दिल्ली में सम्पन्न हुई। गृहमंत्री अमित शाह ने बंगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के विकास के एजेंडे को समर्थन देने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंधों की महत्ता पर भी जोर दिया। बैठक के दौरान दोनों मंत्रियों ने इस बात पर संतोष जताया कि सुरक्षा और सीमा प्रबंधन सहित सभी क्षेत्रों में दोनों देश मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने सीमा पर सौहार्द बनाये रखने की भी प्रतिबद्धता दोहराई। अमित शाह ने भारत सहित अन्य देशों के खिलाफ बंगलादेश की जमीन का आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल न होने देने के लिए वहां की सरकार की नीति की भी प्रशंसा की।
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*महाराष्‍ट्र में ऐतिहासिक अहमदनगर किले का जीर्णोद्धार किया जा रहा है ताकि भावी पीढि़यों को देश के स्‍वाधीनता संग्राम में इसके महत्‍व के बारे में जानकारी मिल सके। भारत छोड़ो आन्‍दोलन में इस किले की विशेष भूमिका रही है। 


1942 के छोडो भारत अभियान के दौरान बारह प्रमुख राष्ट्रीय नेताओं को कैद कर इस किले में रखा गया, जिनमें पंडित जवाहरलाल नेहरू भी शामिल थे। यहीं पर उन्होनें अपना लोकप्रिय द डिस्कवरी ऑफ इंडिया ग्रंथ लिखा। इसे किले के नूतनीकरण का पहला हिस्सा अहमदनगर के आर्मर्ड कोर सेंटर तथा स्कूलने स्थानिक प्रशासन के तत्वावधान में पूरा किया है। छोडो भारत अभियान का आरम्भ मुंबई में करने के पश्चात महात्मा गांधीजी को हिरासत में लेकर पुणे के आगा खान पॅलेस में रखा गया। उनके साथ थी उनकी पत्नी कस्तुरबा तथा उनके नीजी सचिव महादेव देसाई. मई 1944 तक उन्हें यहां रखा गया, इस दौरान कस्तुरबा तथा देसाई इनका यहीं पर देहान्त हुआ, उनकी समाधियां पॅलेस में स्थित है। सन 2003 में, भारतीय पुरातत्वशास्त्र सर्वेक्षण ने इस जगह को राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित किया।

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*असम सरकार, राज्य में किसानों की आय दुगुनी करने के लिए मुख्यमंत्री कृषि सा-साजुली योजना का सफलतापूर्वक कार्यन्वयन कर रही है। राज्य के कृषि मंत्री अतुल बोरा ने बताया कि इस योजना के तहत किसान बिना किसी की मदद के आवश्यक वस्तुओं की खरीद कर सकते हैं। ब्‍यौरा हमारे संवाददाता से-


असम के कृषि मंत्री अतुल बोरा ने कहा कि मुख्‍यमंत्री कृषि सा-सजुली योजना के तहत लाभार्थियों को 5 हजार रुपये बैंक के खाते में जमा किया जाता है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष में लगभग 3 लाख किसानों को वित्तीय सहायता मिला है। बोरा ने यह भी बताया कि इसे वित्तीय वर्ष में और 3 लाख किसानों को लाभान्वित किया जाएगा और इसके लिए 310 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं। कृषि मंत्री ने साथ में यह भी कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष में इस योजना के तहत 5 लाख किसानों को लाभान्वित किया गया है। 

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*प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि राष्‍ट्र के तौर पर हमने एक ऐतिहासिक फैसला लिया। एक नये युग की शुरूआत हुई।आज राष्‍ट्र को संबोधित करते हुए उन्‍होंने कहा कि सामाजिक जीवन में कुछ बातें समयके साथ इतनी घुलमिल जाती है कि उन चीजों का मन में एक प्रकार से स्‍थायी भाव बन जाताहै कि कुछ बदलेगा ही नहीं। अनुच्‍छेद 370 के साथ भी ऐसा ही था। इससे बहुत हानि हो रही थी, लेकिन चर्चा नहीं हो रही थी। अब नई व्‍यवस्‍था से जम्‍मू कश्‍मीर का भविष्‍य भी सुधरेगा।

पूरी बहस के बाद जो कानून बनता है उससे पूरे देश का भला होता है। लेकिन पहले कुछ कानूनों से जम्‍मू कश्‍मीर के लोग वंचित हो जाते थे।

उन्‍होंने कहा कि अनुच्‍छेद 35ए के समाप्‍त होने से नई व्‍यवस्‍था आएगी। वहां के कर्मचारियों और पुलिस अधिकारियोंको भी देश के अन्‍य भागों के कर्मचारियों के समान सुविधाएं मिलेंगी।

श्री मोदी ने कहा कि जम्‍मू कश्‍मीर और लद्दाख में रिक्‍त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सेना और अर्द्धसैनिक बलों द्वारा स्‍थानीय युवाओं के लिए भर्ती का आयोजन किया जाएगा।

उन्‍होंने कहा कि जम्‍मू कश्‍मी रमें राजस्‍व घाटा भी बहुत ज्‍यादा है। केन्‍द्र सरकार यह भी सुनिश्चित करेगी कि इसके नकारात्‍मक प्रभावों को कम किया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि कुछ काल खंड के लिए जम्‍मू कश्‍मीर को सीधे केन्‍द्र सरकार के शासन में रखने का फैसला बहुत सोच समझकर ‍किया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पारदर्शी चुनाव होगा और लोग अपने प्रतिनिधि चुनेंगे। राज्‍यपाल से आग्रह किया कि ब्‍लॉक विकास समिति का गठन किया जाए। हाल में हुए पंचायत चुनाव से जम्‍मू कश्‍मीर को काफी लाभ हुआ है और जमीन स्‍तर पर भी काफी लाभ पहुंचा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अब जम्‍मू कश्‍मीर के युवा जम्‍मू कश्‍मीर का नेतृत्‍व करेंगे और उसे नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।उन्‍होंने कहा कि जम्‍मू कश्‍मीर और लद्दाख में पर्यटन का बड़ा केन्‍द्र बनने की क्षमता है।

प्रधानमंत्री ने कहा है कि जम्मूकश्मीर के संदर्भ में दो अनुच्छेदों का देश के खिलाफ कुछ लोगों की भावनाएं भड़काने के लिये, पाकिस्तान द्वारा एक शस्त्र की तरह इस्तेमाल किया जाता था।राष्‍ट्र के नाम अपने संबोधन में उन्‍होंने कहा----

आर्टिकल 370 और 35ए ने जम्‍मू-कश्‍मीर को अलगाववाद, आतंकवाद, परिवारवाद और व्‍यवस्‍थाओं में बड़े पैमाने पर फैले भ्रष्‍टाचार के अलावा कुछ नहीं दिया। इन दोनों अनुच्‍छेद का देशके खिलाफ कुछ लोगों की भावनाएं भड़काने के लिए पाकिस्‍तान द्वारा एक शस्‍त्र के तौर पर इस्‍तेमाल किया जा रहा था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि नई व्यवस्था में केंद्र सरकार की ये प्राथमिकता रहेगी कि राज्य के कर्मचारियों को, जम्मू-कश्मीरपुलिस को, दूसरे केंद्र शासित प्रदेश के कर्मचारियों और वहां की पुलिस के बराबर सुविधाएं मिलें।

नई व्‍यवस्‍था में केंद्र सरकार की यह प्राथमिकता रहेगी कि राज्‍य के कर्मचारियों को जिसमें जम्‍मू-कश्‍मीरकी पुलिस भी शामिल है दूसरे केन्‍द्र शासित प्रदेश के बराबर की सुविधाएं मिलें जैसेएलटीसी, हाउस रेंट अलाउंस, बच्‍चों की शिक्षा के लिए एजुकेशन अलाउंस, हेल्‍थ स्‍कीमऐसी सुविधाओं का तत्‍काल रिव्‍यु कराकर मुहैया कराई जाएगी। बहुत जल्‍द ही जम्‍मू कश्‍मीरऔर लद्दाख में सभी केन्‍द्रीय और राज्‍य के रिक्‍त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरूकी जाएगी। इससे स्‍थानीय नौजवानों को रोजगार के पर्याप्‍त अवसर को उपलब्‍ध होंगे औरसाथ ही केन्‍द्र सरकार की पब्लिक सेक्‍टर युनिट्स और प्राइवेट सेक्‍टर की बड़ी कंपनियोंको भी रोजगार के नए अवसर को उपलब्‍ध कराने के लिए प्रोत्‍साहित किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अनुच्छेद370 और 35ए ने जम्मू कश्मीर को अलगाववाद, आतंकवाद, परिवारवाद और व्यवस्था में बड़ेपैमाने पर फैले भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं दिया। इसके कारण तीन दशक में राज्य में42 हजार निर्दोष लोग मारे गए ।

एक राष्‍ट्रके तौर पर, एक परिवार के तौर पर, आपने, हमने, पूरे देश ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है।एक ऐसी व्‍यवस्‍था जिसकी वजह से जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख के हमारे भाई-बहन अनेक अधिकारोंसे वंचित थे जो उनके विकास में बड़ी बाधा थी। वो हम सब के प्रयासों से अब दूर हो गईहै। जो सपना सरदार वल्‍लभ भाई पटेल का था, बाबा साहेब अंबेडकर का था, डॉ श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी का था, अटल जी और करोड़ो देश भक्‍तों का था वो सपना अब पूरा हुआ है। जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख में एक नए युग की शुरूआत हुई है। अब देश के सभी नागरिकों के हक भी समान हैऔर दायित्‍व भी समान है।

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*अमरीका, कश्‍मीर और अन्‍य मुद्दोंपर भारत तथा पाकिस्‍तान के बीच प्रत्‍यक्ष वार्ता का समर्थन जारी रखेगा। विदेश विभागके प्रवक्‍ता ने आज वाशिंग्‍टन में कहा कि अमरीका, नई क्षेत्रीय स्थिति से संबंधितभारतीय विधेयकों और जम्‍मू-कश्‍मीर के प्रशासन तथा सीमा से जुड़े प्रश्‍नों पर पैनीनजर रखे है। प्रवक्‍ता ने नियंत्रण रेखा पर शांति और संयम बरतने का आग्रह किया। अमरीकीप्रवक्‍ता, पाकिस्‍तान द्वारा भारत के साथ राजनयिक संबंध का स्‍तर घटाने के बाद दक्षिण एशिया की स्थिति पर प्रश्‍नों का जवाब दे रहे थे।

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*राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से अलंकृत किया। सामाजिक कार्यकर्ता नानाजी देशमुख तथा गायक भूपेन हजारिका को भी मरणोपरांत भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया गया। राष्ट्रपति ने प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति भवन में एक समारोह में भारत रत्‍न प्रदान से अलंकृत किया। भूपेन हजारिका के बेटे तेज हजारिका ने उनकी ओर से सम्‍मान प्राप्‍त किया। नानाजी देशमुख की ओर से उनके रिश्तेदार वीरेंद्रजीत सिंह ने ये सम्‍मान ग्रहण किया।

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*बम्‍बई शेयर बाजार का संवेदी सूचकांकआज छह सौ सैंतीस अंक बढकर 37 हजार तीन सौ सत्‍ताइस पर बंद हुआ। उधर नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंजका निफ्टी भी 177 अंक की बढ़त के साथ 11 हजार बत्‍तीस हो गया।

 

समाचार पत्रों की सुर्खियों से-

*भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के पंच तत्वों में विलीन होने को अख़बारों ने प्रकाशित किया है। पंजाब केसरी की सुर्खी है - सुषमा स्वराज को अश्रुपूर्ण विदाई।

*जनसत्ता की बड़ी सुर्खी है - जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म, राष्ट्रपति ने अनुछेद-370 के प्रावधानों को निरस्त करने की घोषणा की। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोभाल ने किया कश्मीर का दौरा। राजस्थान पत्रिका "मिशन कश्मीर" शीर्षक से लिखता है - आतंक के गढ़ शोपियां पहुंचे डोभाल, आम लोगों के साथ सड़क पर खाया खाना। लोगों का दिल जीतने की कोशिश। उधर दैनिक जागरण की सुर्खी है - बौखलाये पाकिस्तान ने भारतीय उच्चायुक्त को वापिस भेजा, राजनयिक रिश्ते का दर्जा घटाने और दि्वपक्षीय कारोबार को स्थगित करने का किया फैसला। भारत आने-जाने वाले विमान मार्गों को भी आंशिक रूप से किया बंद।