आकाशवाणी सार (28-June-2020) AIR News Gist
Posted on June 28th, 2020 | Create PDF File
मुख्य समाचार-
* सरकार ने सात राज्यों में टिड्डी नियंत्रण अभियान तेज किया।
* देश में पिछले चौबीस घंटों के दौरान दो लाख 31 हजार से अधिक कोविड-19 नमूनों की जांच की गई, मरीजों के ठीक होने दर 58 दशमलव पांच छह प्रतिशत हुई।
समाचार विस्तार से-
* प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर संस्कृति मंत्रालय आज(28 June) से 12 जुलाई तक संकल्प पर्व मनाएगा। इसके तहत व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण अभियान चलाया जाएगा। केन्द्रीय संस्कृति मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि संकल्प पर्व के दौरान लोगों से प्रधानमंत्री द्वारा बताए गए पांच वृक्षों- बरगद, आंवला, पीपल, अशोक और बेल के पौधे लगाकर देश के औषधीय पौधों को महत्व देने की परम्परा को आगे बढ़ाने का अनुरोध किया गया है। उन्होंने कहा कि इन वृक्षों के पौधे उपलब्ध न होने पर लोग अपनी पसंद के पौधे भी लगा सकते हैं।
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* राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, पंजाब और महाराष्ट्र में टिड्डी दलों पर नियंत्रण के लिए अभियान जारी है। टिड्डी दल चेतावनी संगठन और 10 क्षेत्रीय कार्यालय राज्य सरकारों की मदद से राजस्थान और गुजरात के मरुस्थलीय इलाकों में नियंत्रण अभियान चला रहे हैं। राज्य सरकार अपने कृषि विभागों के माध्यम से फसल वाले इलाकों में टिड्डी दल नियंत्रण अभियान संचालित करते हैं। इस साल 11 अप्रैल से 1 लाख 27 हजार हैक्टेयर से अधिक क्षेत्र में टिड्डियों के प्रकोप पर नियंत्रण किया गया है।
बचा हुआ टिड्डी दल सुबह झझ्झर जिले की ओर बढ़ा और उसके बाद हवा की दिशा के साथ उत्तर प्रदेश में पूर्व की ओर चला गया। यह दल तीन-चार छोटे झुंडों में बंट कर हरियाणा में नूह और गुड़गांव तथा उससे आगे उत्तर प्रदेश की ओर चले गये।
कल सुबह क्षेत्रीय नियंत्रण टीमों ने हरियाणा के रेवाड़ी में नियंत्रण अभियान चलाने के साथ-साथ जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर, नागौर, जयपुर और सीकर में राज्य के कृषि विभागों की मदद से अभियान चलाया। उत्तर प्रदेश में भी टिड्डियों के प्रकोप वाले इलाकों में ऐसा ही अभियान चलाया गया।
प्रमुख नियंत्रण अभियान राजस्थान में केन्द्रित हैं जहां अधिकतम संसाधनों का उपयोग किया गया है। टिड्डीदलों पर काबू करने की देश की क्षमता बढ़ाने के लिए जमीन पर कीटनाशकों का छिड़काव करने वाली 10 मशीनें ब्रिटेन से आयात की गयी हैं। 45 और मशीनें अगले महीने तक प्राप्त होने की संभावना है जिससे टिड्डी दलों पर नियंत्रण रखने की देश की क्षमता का और विस्तार होगा।
कृषि मंत्रालय ने कहा है कि भारत सभी सांविधिक अनुमोदन प्राप्त करने के बाद ड्रोन का उपयोग करके टिड्डी नियंत्रण करने वाला पहला देश है। राज्य सरकारें टिड्डी नियंत्रण के लिए ट्रैक्टर में स्प्रेयर और दमकल गाडि़यों का उपयोग कर रहे हैं। ब्रिटेन से 10 ग्राउंड स्प्रे उपकरण आयात किये गये हैं, 45 और ऐसे उपकरण अगले महीने तक पहुंच जाएंगे। अभी 60 नियंत्रण दल और 200 से अधिक केन्द्र सरकार के कर्मचारी टिड्डी नियंत्रण कार्यों में लगे हुए हैं लंबे पेड़ों और दुर्गम क्षेत्रों में टिड्डी के प्रभावी नियंत्रण के लिए 12 ड्रोन के साथ पांच कंपनियों को कीटनाशक छिड़काव के लिए तैनात किया जाता है। नियंत्रण क्षमता को मजबूत करने के लिए 55 अतिरिक्त वाहन खरीदे गए हैं।
गृह मंत्रालय ने टिड्डियों के प्रकोप पर काबू पाने के लिए कीटनाशकों के छिडकाव में काम आने वाले उपकरणों से लैस ट्रैक्टर और अन्य वाहन किराये पर लेने की भी व्यवस्था की है। राजस्थान को इस तरह के 800 ट्रैक्टर खरीदने के लिए मदद की स्वीकृति दी गयी है।
गृह मंत्रालय ने कहा है कि गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार और हरियाणा में टिड्डीदलों से फसलों को कोई खास नुकसान नहीं हुआ है। लेकिन राजस्थान के कुछ जिलों में इनसे फसलें नष्ट हुई हैं।
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* मध्यप्रदेश में वन विभाग ने विस्थापित कामगारों और किसानों के रोजगार के लिए अनूठी पहल की हैं। विभाग ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना-मनरेगा के तहत छिंदवाड़ा जिले के तीन सौ हेक्टेयर वन क्षेत्र में बांस के लगभग दो लाख पौधे लगाने की योजना तैयार की है। इस योजना के तहत लगभग तीन सौ विस्थापित कामगारों को अगले पांच वर्षों तक प्रतिवर्ष सौ दिन के रोजगार की गारंटी मिलेगी।
वन विभाग की इस योजना के तहत, श्रमिकों को अगले 5 वर्षों के लिए 100 दिनों तक रोजगार की गारंटी मिलेगी। इससे लगभग 300 प्रवासी मजदूरों को स्थायी रोजगार भी मिलेगा। जिला वन अधिकारी आलोक पाठक ने बताया कि इस योजना से मजदूरों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।
रेंजर कीर्ति बाला गुप्ता के मुताबिक वन क्षेत्र सांवरी के ग्राम बोमलिया के 28 किसानों की निजी भूमि पर बाँस की 12 हजार उन्नत प्रजातियाँ लगाई जा रही हैं,वन विभाग की इस पहल से प्रवासी मजदूर भी खुश हैं।
यह राज्य में अपनी तरह की पहली योजना है, इससे न केवल मजदूरों को स्थाई तौर पर काम मिलेगा बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।
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* महाराष्ट्र सरकार ने ई-संजीवनी ओपीडी सेवा के लिए मोबाइल ऐप जारी किया है। इस सेवा से पिछले एक महीने में एक हजार 600 रोगियों को मदद मिली है और उनसे कोई शुल्क नहीं लिया गया है। राज्य सरकार ने यह सेवा अप्रैल महीने में प्रायोगिक आधार पर शुरू की थी और इसे मई महीने से नियमित रूप से चलाया जा रहा है।
महाराष्ट्र सरकार द्वारा लॉन्च किया गया मोबाइल ऐप संजीवनी ओपीडी सेवा को राज्य भर के लोगों के लिए जिले के चिकित्सा विशेषज्ञों से ऑनलाइन परामर्श करने के लिए अधिक आसानी से उपलब्ध कराता है। मरीज को ऐप का उपयोग करने वाले डॉक्टर के साथ नियुक्ति के लिए अनुरोध करने के बाद एसएमएस के माध्यम से एक आइडेंटिफिकेशन नंबर के साथ-साथ एक टोकन नंबर भी मिलता है। फिर रोगी इन विवरणों का उपयोग करके लॉगिन कर सकता है और डॉक्टर से परामर्श कर सकता है। डॉक्टर से परामर्श के बाद, रोगी को तुरंत एक ई-प्रिस्क्रिप्शन मिलता है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा था कि यदि आवश्यकता हुई तो डॉक्टरों की संख्या बढ़ा दी जाएगी और विशेषज्ञों की सेवाओं के लिए विशेष समय दिया जाएगा। ई-संजीवनी सेवा केंद्र और राज्य के स्वास्थ्य विभागों का एक संयुक्त उद्यम है, और ऑनलाइन ओपीडी सेवा रविवार को छोड़कर सभी दिनों में उपलब्ध है।
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* सरकार ने कहा है कि देश में कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए पिछले 24 घंटे के दौरान दो लाख 31 हजार से अधिक नमूनों की जांच की जा चुकी है। अब तक देश में कुल 32 लाख नमूनों की जांच हो चुकी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि देश में अब कोविड संक्रमण की जांच करने वाली एक हजार 36 नैदानिक प्रयोगशालाएं हैं जिनमें 749 सरकारी और दो सौ 87 निजी प्रयोगशालाएं हैं।
मंत्रालय ने कहा है कि देश में उपचार करा रहे कोविड रोगियों और स्वस्थ हो चुके लोगों के बीच का अंतर एक लाख से अधिक हो चुका है। देश में तीन लाख नौ हजार से अधिक लोग इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं। स्वस्थ होने की दर 58 दशमलव 56 प्रतिशत पर पहुंच गई है। पिछले 24 घंटे के दौरान कोविड के 13 हजार 832 मरीज उपचार से ठीक हो चुके हैं। मंत्रालय ने बताया कि इस समय देश में कोरोना के दो लाख से अधिक सक्रिय मामले हैं। ये सभी चिकित्सा निगरानी में हैं। मंत्रालय के अनुसार दो हजार चार सौ कोविड स्वास्थ्य केंद्र काम करना शुरू कर चुके हैं। इसके अलावा नौ हजार पांच सौ से अधिक कोविड देखभाल केंद्रों में देश में इस महामारी से लड़ने के लिए आठ लाख 34 हजार से अधिक बिस्तर उपलब्ध हैं।
समाचार पत्रों की सुर्खियों से-
* जनसत्ता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस बयान को प्रमुखता से देते हुए लिखा है- सरकार का मार्ग-दर्शन करता है संविधान। पत्र ने यह भी दिया है- सरकार धर्म, लिंग, जाति, नस्ल या भाषा के आधार पर भेद-भाव नहीं करती। दैनिक भास्कर के अनुसार मोदी ने कहा- दिल्ली के आरामदायक दफ्तरों से नहीं, जमीनी लोगों से मिले फीडबैक के बाद फैसले लिये।
* चीन के साथ 1962 के युद्ध की याद दिलाते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार के बयान को दैनिक ट्रिब्यून लिखता है- चीन ने 45 हजार वर्ग किलोमीटर भारत की जमीन पर कब्ज़ा किया था। दैनिक जागरण के अनुसार- लद्दाख मामला संवेदनशील, सरकार की नाकामी नहीं। अमर उजाला के अनुसार देश हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार।
* आकाश से होगी एलएसी की सुरक्षा, मिसाइल प्रणाली तैनात, अमर उजाला में है। अखबार के अनुसार चंद सेकंड में ही चीन के उकसावे की कार्रवाई का जवाब देने में सक्षम। जनसत्ता का कहना है- एलएसी पर छह इलाकों में चीनी सैनिकों के पीछे न हटने और लडाकू विमानों की घटनाएं बढ़ने पर सेना और वायुसेना ने की तैनाती।
* दैनिक भास्कर ने खास खबर शीर्षक से लिखा है- वर्क फ्रॉम होम से ऊबे कर्मचारी पर्सनल लाइफ खत्म हो रही, 82 प्रतिशत आफिस के माहौल में लौटना चाहते हैं।