आकाशवाणी सार (25-Nov-2020) AIR News Gist
Posted on November 25th, 2020 | Create PDF File
मुख्य समाचार-
* प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा - सभी के लिए कोविड वैक्सीन उपलब्ध करना सरकार की प्राथमिकता।
* विजय कुमार सिन्हा बिहार विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए।
* मंत्रिमंडल ने नेशनल इंवेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड में छह हजार करोड रुपये के निवेश को मंजूरी दी। लक्ष्मी विलास बैंक का विलय डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड में होगा।
* प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा - भारत की सॉफ्टपावर विश्वभर में देश की छवि बदल सकती है।
* गृह मंत्रालय ने कोविड की निगरानी रोकथाम और सावधानी के संबंध में नए दिशा-निर्देश जारी किए। ये दिशा-निर्देश एक से 31 दिसम्बर तक लागू रहेंगे।
समाचार विस्तार से-
* प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि सरकार का लक्ष्य सभी नागरिकों के लिए आवश्यक वैज्ञानिक कसौटियों पर खरी उतरने वाली वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। श्री मोदी ने कल सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक के दौरान यह बात कही। प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि जिस तरह कोविड से लड़ाई में प्रत्येक जान बचाने पर ध्यान दिया गया, उसी तरह यह सुनिश्चित करने को प्राथमिकता दी जाएगी कि प्रत्येक व्यक्ति को वैक्सीन मिले।
कोरोना के खिलाफ अपनी लड़ाई में हमने शुरुआत से ही एक-एक देशवासी का जीवन बचाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। अब वैक्सीन आने के बाद भी हमारी प्राथमिकता यही होगी कि सभी तक कोरोना की वैक्सीन पहुंचे, लेकिन कोरोना की वैक्सीन से जुड़ा भारत का अभियान, अपने हर नागरिक के लिए एक प्रकार से नेशनल कमिटमेंट की तरह है। इतना बड़ा टीकाकरण अभियान Smooth हो, Systematic हो, और Sustained हो, ये लंबा चलने वाला है, इसके लिए हम सभी को, हर सरकार को, हर संगठन को एकजुट हो करके, coordination के साथ एक टीम के रूप में काम करना ही पड़ेगा।
यह बैठक कोविड से निपटने और प्रबंधन की स्थिति तथा तैयारियों की समीक्षा के लिए आयोजित की गई थी। इस दौरान कोविड से प्रभावित आठ प्रमुख राज्यों पर विशेष ध्यान दिया गया। ये राज्य हैं - हरियाणा, दिल्ली, छत्तीसगढ़, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात और पश्चिम बंगाल।
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यों के परामर्श से टीकाकरण की प्राथमिकता का फैसला किया जा रहा है। अतिरिक्त शीत भंडारण सुविधाओं की आवश्यकता के बारे में भी राज्यों के साथ चर्चा की गई है।
भारत जो भी वैक्सीन अपने नागरिकों को देगा, वो हर वैज्ञानिक कसौटी पर खरी होगी। वैक्सीन प्राथमिकता के आधार पर किसे लगाई जाएगी, ये निर्णय तो हम सब मिलकर के ही करेंगे। हर राज्यों के सुझाव का महत्व इसमें बहुत रहेगा, हमें कितने अतिरिक्त कोल्ड चेन स्टोरेज की ज़रूरत रहेगी। कहां-कहां ये संभव होगा, उसके पैरामीटर्स क्या होंगे। उस पर यहां से सूचनाएं तो डिपार्टमेंट्स को चली गई हैं लेकिन इसको अब implement करने के लिए हमें रेड्डी रहना पड़ेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अतीत के अनुभवों से हमने सीखा है कि वैक्सीन के बारे में कई तरह की भ्रांतियां और अफवाहें फैलाई जाती हैं। उन्होंने कहा कि कोविड वैक्सीन के दुष्प्रभावों के बारे में भी अफवाहें फैलाई जा सकती हैं।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि नागरिक समाज, एनसीसी और एनएसएस के विद्यार्थियों तथा मीडिया सहित हरसंभव मदद से व्यापक जागरूकता अभियान के ज़रिए इस तरह के प्रयासों पर अंकुश लगाया जाए।
श्री मोदी ने कहा कि देश ने सामूहिक प्रयासों के जरिए महामारी का सामना किया है। भारत में कोविड से स्वस्थ होने की दर और मृत्यु दर तथा समग्र स्थिति विश्व के ज्यादातर देशों से बेहतर है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य कोविड से मृत्यु दर को एक प्रतिशत से नीचे लाना होना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने जांच और उपचार सुविधा के नेटवर्क के विस्तार पर भी बल दिया। उन्होंने कहा की पीएम केयर्स फंड के तहत ऑक्सीजन उपलब्ध कराने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
हम सभी के अथक प्रयासों से देश में टेस्टिंग से लेकर ट्रीटमेंट का एक बहुत बड़ा नेटवर्क आज काम कर रहा है। इस नेटवर्क का लगातार विस्तार भी किया जा रहा है। पीएम केयर्स के माध्यम से ऑक्सीजन और वेंटिलेटर्स उपलब्ध कराने पर भी विशेष जोर है। कोशिश ये है कि देश के मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पतालों को ऑक्सीजन जनरेशन के मामले में Self-sufficient बनाया जाए। इसलिए अभी 160 से ज्यादा नए ऑक्सीजन प्लांट्स के निर्माण की प्रक्रिया already शुरू की गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आरटी-पीसीआर जांच की संख्या बढ़ाना, खासतौर से पृथकवास में रह रहे रोगियों की बेहतर निगरानी, ग्राम और समुदाय स्तर पर स्वास्थ्य केंद्रों में बेहतर सुविधा उपलब्ध कराना तथा वायरस से सुरक्षा के लिए जागरूकता अभियान चलाना बहुत महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बड़ी मजबूती के साथ कोविड के खिलाफ लड़ाई जारी है, लेकिन अभी लापरवाही नहीं बरती जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वस्थ होने की अच्छी दर के मद्देनजर बहुत से लोग सोचने लगे हैं कि वायरस कमजोर हो गया है। श्री मोदी ने सतर्क किया कि इस तरह की सोच से असावधानी बढती है। श्री मोदी ने संक्रमण की दर को 5 प्रतिशत से नीचे लाने की आवश्यकता पर बल दिया।
प्रधानमंत्री के साथ वर्चुअल बैठक में अन्य राज्यों के अतिरिक्त दिल्ली, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए। गृह मंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा, स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. पॉल भी इस उच्च स्तरीय कोविड समीक्षा बैठक में उपस्थित थे।
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* विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा है कि कोविड जैसी वैश्विक चुनौतियों पर काबू पाने में वैश्विक सहयोग ही प्रमुख कुंजी है। शंघाई सहयोग संगठन के युवा वैज्ञानिकों के सम्मेलन को कल नई दिल्ली में वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए डॉक्टर हर्षवर्धन ने कोरोना महामारी सहित आम सामाजिक चुनौतियों के समाधान के लिए उनसे आगे आने और मिलकर काम करने का आह्वान किया। डॉक्टर हर्षवर्धन ने बताया कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद कोविड के टीकों के परीक्षण में शामिल है और भारत इसका टीका बनाने वाले सभी दावेदारों के टीकों का भी चिकित्सकीय परीक्षण कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में लगभग 30 टीके विकसित होने के विभिन्न चरणों में हैं और उनमें से दो सबसे उन्नत चरण में पहुंच गए हैं। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि कोवैक्सीन, आईसीएमआर और भारत बायोटेक की साझेदारी से और कोवीशील्ड सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा विकसित किये जा रहे हैं।
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* गुजरात के केवडि़या में स्टेच्यु ऑफ यूनिटी पर आज से पीठासीन अधिकारियों का दो दिन का अखिल भारतीय सम्मेलन शुरू हो रहा है। इस बार सम्मेलन का विषय है - विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच सौहार्द्रपूर्ण समन्वय - गतिशील लोकतंत्र की कुंजी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज सुबह सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे। सम्मेलन की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला करेंगे।
इस वर्ष को पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के शताब्दी वर्ष के रूप में भी मनाया जा रहा है। 1921 में अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन की शुरुआत हुई थी। इतने सारे वर्षो में पीठासीन अधिकारियों का यह सम्मलेन लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए नये अनुभवों और विचारों को साजा करने का एक श्रेष्ठ मंच बन चुका है। इस सम्मलेन के दौरान विधानमंडल के पीठासीन अधिकारिओं भारतीय लोकतंत्र के तीन स्तम्भों को मजबूत करके उन्हें ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए बेहतर सहयोग समन्वय की आवश्यकता पर चर्चा करेंगे। सम्मलेन में विधान मंडल की संविधान के प्रति और कार्यपालिका की लोगों के प्रति जवाबदेही को प्रभावी ढंग से सुनिश्चित करने पर भी चर्चा होगी। इस में विधान मंडलों के अनुशासित और व्यवस्थित तरीके से कार्य करने के बारे में भी चर्चा होगी। दो दिन के सम्मलेन के दूसरे दिन 26 नवम्बर को संविधान दिवस के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समापन सत्र को सम्बोधित करेंगे। इस के दौरान प्रधानमंत्री की अगवाई में सभी प्रतिनिधियों द्वारा संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक रूप से पठन किया जायेगा।
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* उत्तर प्रदेश सरकार ने शादियों के लिए गैर कानूनी तरीके से धर्म परिवर्तन पर पाबंदी लगाने के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। इसके तहत शादी करने के लिए बलपूर्वक या धोखा देकर अथवा दबाव डालकर कराए जाने वाले धर्म परिवर्तन के मामलों पर अधिकतम दस साल की सजा का प्रावधान होगा।
उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 के अनुसार अगर कोई व्यक्ति यह साबित नहीं कर पाता है कि महिला का धर्म परिवर्तन किसी दबाव, धोखे या लालच में या महज शादी करने के लिए नहीं कराया गया है तो उसे 1 से 5 साल तक की सजा हो सकती है। अगर महिला अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति से समाज से आती है या सामूहिक तौर पर धर्म परिवर्तन कराया गया है तो ऐसी दशा में कम से कम 3 साल और अधिकतम 10 साल तक की सजा और 50 हज़ार रुपये जुर्माने का प्रावधान है। ऐसी शादियां शून्य घोषित कर दी जाएंगी। मंत्रिमंडल के फैसले के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए सरकार के प्रवक्ता और मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि अगर कोई युगल दूसरे धर्म में परिवर्तन करते हुए शादी करना चाहता है तो उसे संबंधित जिलाधिकारी के सामने 2 महीने पहले आवेदन देना होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 100 से ज्यादा बलपूर्वक धर्म परिवर्तन के मामले सामने आए हैं।
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* भारतीय जनता पार्टी के विजय कुमार सिन्हा बिहार विधानसभा के अध्यक्ष निर्वाचित हो गए हैं। कार्यकारी अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने चुनाव परिणाम की घोषणा करते हुए बताया कि विजय कुमार सिन्हा को 126 और महागठबंधन के उनके प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार अवध बिहारी चौधरी को 114 मत मिले।
इससे पहले, विपक्षी दलों ने अध्यक्ष का चुनाव गुप्त मतदान से कराने की मांग की थी। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके दो मंत्रियों अशोक चौधरी और मुकेश सहनी की सदन में उपस्थिति पर भी यह कहते हुए आपत्ति जताई कि वे सदन के सदस्य नहीं हैं। बिहार विधानसभा के नए अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा शेखपुरा निर्वाचन क्षेत्र से चार बार विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं। नीतीश कुमार की पिछली सरकार में वे श्रम मंत्री थे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्रियों तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी तथा विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने नवनिर्वाचित अध्यक्ष को बधाई दी।
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* निर्यात के लिए विशेष रूप से तैयार की गई दक्षिण-पश्चिम रेलवे की पहली मालगाड़ी कर्नाटक के होसूर स्टेशन से बांग्लादेश के लिए रवाना हुई। 25 डिब्बों वाली इस मालगाड़ी पर 100 हल्के वाणिज्यिक वाहन लादे गए हैं। यह मालगाड़ी 2121 किलोमीटर की दूरी पूरी करके बांग्लादेश के बेनापोल रेलवे स्टेशन पहुंचेगी।
इस अवसर पर दक्षिण-पश्चिम रेलवे के बेंगलुरु मंडल के मंडल प्रबंधक अशोक वर्मा ने बताया कि ऑटोमोबाइल के लिए टर्मिनल शुल्क में छूट ने व्यापार को बढ़ावा दिया है और रेलवे इस वर्ष ऑटोमोबाइल परिवहन का 20 प्रतिशत हिस्सा हासिल करने के लिए तत्पर है।
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* प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत अपनी सांस्क़ृतिक और आर्थिक शक्ति का उपयोग करके विश्वभर में देश की छवि को उसी तरह सुदृढ कर सकता है, जैसे योग के माध्यम से किया है। प्रधानमंत्री ने यह बात आज शाम लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह को वीडियो कांफ्रेंसिंग से संबोधित करते हुए कही।
भारत की सॉफ्ट पावर, अंतर्राष्ट्रीय जगत में भारत की छवि मजबूत करने में बहुत सहायक है। हमने देखा है पूरी दुनिया में योग की ताकत क्या है। कोई योग कहता होगा, कोई योगा कहता होगा, लेकिन पूरे विश्व को, योग को अपना एक प्रकार से जीवन के हिस्सा बनाने के लिये प्रेरित कर दिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय मात्र उच्च शिक्षा के केन्द्र नहीं हैं, बल्कि वे चरित्र-निर्माण और प्रेरणा देने वाले शक्ति-केन्द्र भी हैं।
यूनिवर्सिटी सिर्फ उच्च शिक्षा का केन्द्र भर नहीं होती। ये, उंचे लक्ष्यों, उंचे संकल्पों को साधने की शक्ति को हांसिल करने का भी एक बहुत बड़ा पावर हाउस होता है। एक बहुत कड़ी उर्जा भूमि होती है, प्रेरणा भूमि होती है। यहां हमारे कैरेक्टर के निर्माण का, हमारे भीतर की ताकत को जगाने की प्रेरणा फैली हुई है।
श्री मोदी ने कहा कि सौ वर्ष का समय सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है इसके साथ अपार उपलब्धियों का एक जीता-जागता इतिहास जुड़ा है।
आज हम देख रहे हैं कि देश के नागरिक कितने संयम के साथ कोरोना की इस मुश्किल चुनौती का सामना कर रहे हैं। देश को आगे बढ़ा रहे हैं। देश को प्रेरित करने वाले हैं। प्रोत्साहित करने वाले हैं। नागरिकों का निर्माण, शिक्षा के एैसे ही संस्थानों में ही होता है। लखनउ यूनिवर्सिटी दशकों से अपने इस काम को बखूबी निभा रही है। कोरोना के समय में भी यहां के छात्र-छात्राओं ने टीचर से अनेक प्रकार के समाधान समाज को दिये हैं।
श्री मोदी ने कहा कि लंबे समय से हमने अपनी क्षमताओं का पूरा उपयोग नहीं किया है और शासन के मामले में भी यह बात लागू होती है।
रायबरेली स्थित रेल डिब्बा कारखाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने इस कारखाने की क्षमता का सही इस्तेमाल करते हुए कुछ ही महीनों में इसमें रेल डिब्बे बनाना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि अब बहुत जल्द यह कारखाना रेल डिब्बों के निर्माण का वैश्विक केन्द्र बन जायेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इच्छाशक्ति से स्थितियों को किस तरह बदला जा सकता है इसकी मिसाल देश में यूरिया उत्पादन में देखी जा सकती है। उन्होंने कहा कि यूरिया का उत्पादन पहले भी किया जा रहा था, लेकिन नीम लेपित यूरिया के उत्पादन से किसानों को इसका पूरा फायदा मिलने लगा। उन्होंने कहा कि सरकार उत्तर प्रदेश में बंद पड़े कई कारखानों को टेक्नॉलोजी की मदद से फिर से शुरू करना चाहती है।
कोरोना महामारी के प्रकोप के दौरान विद्यार्थियों और शिक्षकों की भूमिका की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि विश्वविद्यालयों को अपना ध्यान अनुसंधान, ब्रान्ड के रूप में अपनी छवि निखारने और अपने कार्य क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जिलों के स्थानीय उत्पादों का मूल्य संवर्धन करने पर केन्द्रित करना चाहिए। इससे सरकार को नीतियां बनाने में मदद मिलेगी और एक जिला एक उत्पाद कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जा सकेगा।
मेरा सुझाव है कि जिन जिलों तक आपका शैक्षणिक दायरा हैं, वहां की लोकल विधाओं, वहां के लोकल उत्पादों से जुड़े कोर्सेज़, उसके लिये अनुकूल स्किल डेवलपमेंट, उसकी हर बारिकी से एनालाएसिज़, ये हमारी यूनिवर्सिटी में क्यों ना हों। वहां उन उत्पादकों के प्रोडक्ट्स से लेकर उनमें वैल्यू एैडिशन के लिये आधुनिक समाधानों, आधुनिक टैक्नोलॉजी पर रिसर्च भी हमारी यूनिवर्सिटी कर सकती है।
प्रधानमंत्री ने विद्यार्थियों और शिक्षकों से नई शिक्षा नीति पर बहस करने का भी आह्वान किया। उन्होंने सुझाव दिया कि विद्यार्थी अंतर्मन्थन के लिए समय निकालें और अपने बारे में चिंतन करें।
1947 से ले कर के 2047, आजादी के सौ साल आयेंगे। मैं लखनउ युनिवर्सिटी से आग्रह करूंगा, इसके नीति-निर्धारकों से आग्रह करूंगा कि मंथन कीजिये और 2047, जब देश आजादी के सौ साल मनायेगा तब लखनउ यूनिवर्सिटी कहां होगी। तब लखनउ यूनिवर्सिटी ने आने वाले 25 साल में देश को क्या दिया होगा। देश की कौन सी आवशयक्ताओं की पूर्ति के लिये लखनउ यूनिवर्सिटी नेतृत्व करेगी। बडे संकल्प के साथ, नये हौंसले के साथ, जब आप शताब्दी मना रहे हैं तो बीते हुए दिनों की गाथायें, आने वाले दिनों के लिये प्रेरणा बननी चाहिये और तेज गति से आगे बढ़ने की नई उर्जा मिलनी चाहिये।
श्री मोदी ने इसी सिलसिले में लखनऊ विश्वविद्यालय के एक पूर्व छात्र और जान-माने कवि प्रदीप की कविता की कुछ पंक्तियों का भी उल्लेख किया:-
कभी-कभी खुद से बात करो,
कभी खुद से बोलो,
अपनी नज़र में तुम क्या हो,
ये मन के तराजू पर तोलो।
श्री मोदी ने इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शताब्दी स्मारक सिक्के का अनावरण किया और भारतीय डाक विभाग का विशेष स्मारक डाक टिकट तथा प्रथम दिवस आवरण जारी किया। रक्षा मंत्री और स्थानीय सांसद राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कार्यक्रम में हिस्सा लिया। लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति आलोक कुमार ने बताया कि शताब्दी वर्ष के दौरान कई पहल की गई हैं।
लखनऊ विश्वविद्यालय की स्थापना 1920 में की गई थी। इसका उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षण, शोध और भारतीय मूल्य व्यवस्था पर आधारित नवाचारों के माध्यम से विश्व की शिक्षण संस्थाओं में महत्वपूर्ण स्थान हासिल करने का प्रयास करना था। साथ ही देश, समाज और मानवता की सेवा के लिए बौद्धिक आधारभूत संरचना की निर्माण की दिशा में काम करने के ध्येय से भी इसकी स्थापना की गई थी।
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* गृह मंत्रालय ने कोविड की निगरानी, रोकथाम और सावधानी के संबंध में नए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जो पहली दिसम्बर से प्रभावी होंगे और 31 दिसंबर तक लागू रहेंगे।
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्धारित दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए जिला अधिकारियों द्वारा कंटेन्मेंट जोन का सावधानीपूर्वक सीमांकन सुनिश्चित करना होगा। संबंधित जिला अधिकारियों और राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को कंटेन्मेंट ज़ोन की सूची वेबसाइट पर अधिसूचित करनी होगी। यह सूची स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ भी साझा करनी होगी।
कंटेन्मेंट जोन के भीतर स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा निर्धारित रोकथाम के उपायों की जांच की जाएगी। कंटेन्मेंट जोन में केवल आवश्यक गतिविधियों की ही अनुमति दी जाएगी। चिकित्सा आपात स्थिति और आवश्यक वस्तुओं तथा सेवाओं की आपूर्ति को बनाए रखने के लिए इन क्षेत्रों में या उससे बाहर के लोगों की आवाजाही प्रतिबंधित होगी। इस उद्देश्य के लिए गठित निगरानी दल आवासीय इलाकों में कड़ी निगरानी रखेंगे। निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा।
स्थानीय जिला, पुलिस और नगरपालिका के अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि निर्धारित कंटेन्मेंट जोन में दिशानिदेशों का कड़ाई से पालन हो और राज्य तथा केंद्रशासित प्रदेश की सरकारें इस संबंध में संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करेंगी।
राज्य और केन्द्रशासित प्रदेश, स्थिति का आकलन करने के बाद कोविड महामारी के फैलाव को रोकने के लिए स्थानीय स्तर पर रात के कर्फ्यू जैसी पाबंदियां लगा सकते हैं। लेकिन वे केन्द्र सरकार से परामर्श के बिना कन्टेंमेंट जोन के बाहर के इलाकों में स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन लागू नहीं करेंगे।
आम लोगों और सामान के एक राज्य से दूसरे राज्य तथा एक राज्य के भीतर आने-जाने और लाने ले जाने पर कोई पाबंदी नहीं होगी।
इन दिशानिर्देशों का मुख्य उद्देश्य देश में कोविड के प्रसार पर काबू पाने के लिए किए गए कार्यो पर ध्यान केन्द्रित करना और प्राप्त लक्ष्यों को प्रदर्शित करना है। हाल के दिनों में कुछ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में नए मामलों में हुई वृद्धि को ध्यान में रखते हुए इस बात पर जोर दिया गया है कि महामारी पर नियंत्रण रखने के लिए पूरी सावधानी और निर्धारित रणनीति का सख्ती से पालन किया जाए।
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* उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में आवश्यक सेवा सरंक्षण अधिनियम- एस्मा लागू कर दिया है। इस संबंध में जारी आदेश में कहा गया है कि यह कानून छह महीने तक लागू रहेगा।
उत्तर प्रदेश अत्यावश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम के अंतर्गत रेल हवाई यातायात डाक और तार विभाग सहित अन्य आवश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मचारी हड़ताल पर नहीं जा सकेंगे इस अधिनियम के तहत सरकारी विभागों निगमों और विकास प्राधिकरण में भी हड़ताल प्रतिबंधित रहेगी। इससे पहले इसी साल 22 मई को सरकार ने 6 महीनों के लिए प्रदेश में एस्मा लागू किया था सरकार द्वारा जारी आदेश के मुताबिक राज्य सरकार सार्वजनिक हित में इसे जरूरी और अत्यावश्यक मानती है। राज्य में हाल ही में कोरोनावायरस के मामलों में तेजी आई है और इस निर्णय को ऐसी परिस्थिति से निपटने के लिए उठाए गए कदम के तौर पर देखा जा रहा है।
समाचार पत्रों की सुर्खियों से-
* कोरोना से निपटने के लिए राज्यों के मुख्यमंत्रियों से प्रधानमंत्री की बातचीत अखबारों की अहम खबर है। जनसत्ता की सुर्खी है - प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से कहा - ढिलाई न बरतें, मृत्यु दर एक फीसद से नीचे लाएं। हिन्दुस्तान लिखता है - टीके पर कई सवालों का जवाब अभी बाकी। अमर उजाला का शीर्षक है - सभी को लगेगा कोरोना का टीका, ब्लॉक स्तर पर वितरण की तैयारी करें राज्य। नागरिकों के लिए सबसे बेहतर टीका लायेंगे। दैनिक भास्कर की अहम खबर है - महामारी के बीच दूसरी बीमारियों के साठ प्रतिशत मरीज बेइलाज, ऑपरेशन थमे। पांच राज्यों के बड़े सरकारी अस्पतालों के ओपीडी में भी मरीज आम दिनों की तुलना में सिर्फ 20 प्रतिशत।
* राजस्थान पत्रिका की सुर्खी है - एक और डिजिटल स्ट्राइक, चीन के 43 ऐप पर लगा प्रतिबंध। भारत की संप्रभुता, अखंडता, सुरक्षा और कानून व्यवस्था के खिलाफ गतिविधियों में लिप्त पाये गये ऐप्स पर लगा प्रतिबंध। अब तक 267 ऐप्स हुए डेड।
* नवभारत टाइम्स की खबर है - ब्रह्मोस टेस्ट में पास, मारक दूरी बढ़कर चार सौ किलोमीटर हुई। रफ्तार ध्वनि से तीन गुना अधिक।
* हिन्दुस्तान की सुर्खी है - खाद्य तेलों में ओमेगा युक्त तेल मिलाने की अनुमति। खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने बड़ा फैसला करते हुए खाद्य तेलों में भरपूर अलसी और चिया के तेल को मिलाने की अनुमति दी।