पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी समसामियिकी 1 (31-July-2020)
एरियल सीडिंग (Aerial seeding)

Posted on July 31st, 2020 | Create PDF File

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हरियाणा वन विभाग द्वारा प्रायोगिक रूप से राज्य भर में हवाई बीजारोपण (Aerial Seeding) आरंभ किया गया है।

 

इस तकनीक से अरावली के दुर्गम क्षेत्रों में भी वृक्षारोपण किया जा सकेगा।यह प्रायोगिक परियोजना, इस तकनीक तथा बीज-प्रकीर्णन क्रियाविधि की प्रभावशीलता को निर्धारित करने में मदद करेगी।

 

 

हवाई बीजारोपण (Aerial Seeding) वृक्षारोपण की एक तकनीक है, जिसमें मिट्टी, खाद, और अन्य आवश्यक तत्त्वों के मिश्रण से ढंके हुए बीजों का, गोले बनाकर, हवाई जहाज, हेलीकॉप्टर या ड्रोन आदि हवाई उपकरणों का उपयोग करके जमीन पर छिड़काव किया जाता है।

 

नीची उड़ान भरने वाले ड्रोन अथवा अन्य हवाई उपकरणों द्वारा बीजों के गोलों को एक लक्षित क्षेत्र में बिखेरा जाता है।ये बीज के गोलों पर मिट्टी, खाद, और अन्य आवश्यक तत्त्वों के मिश्रण का लेप चढ़ा रहता है, जिससे बीज हवा में उड़ने की बजाय भूमि पर निर्धारित क्षेत्र में गिरते है।इन बीज के गोलों से पर्याप्त वर्षा होने पर अंकुर निकल आयेंगे, तथा इनमे पहले से मौजूद पोषक तत्व शुरुआती विकास में सहायता प्रदान करेंगे।



खडी ढलान वाले, खंडित, मार्ग रहित दुर्गम क्षेत्रों में पारंपरिक वृक्षारोपण अत्याधिक कठिन हो जाता है, इन क्षेत्रों में एरियल सीडिंग की सहायता से सरलतापूर्वक वृक्षारोपण किया जा सकता है।इस तकनीक में बीजों के अंकुरण तथा वृद्धि एक विशिष्ट प्रक्रिया से होती है, कि इसमें बीजों के प्रकीर्णन के पश्चात ध्यान देने की आवश्यकता नहीं रह जाती है – यही कारण है कि बीज-गोलों के रोपण को ‘फेंको और भूल जाओं’ तरीके के रूप में जाना जाता है।इस तकनीक में मिट्टी में जुताई और खुदाई की आवश्यकता समाप्त हो जाती है, क्योंकि इसमें बीजों पर पहले से ही मिट्टी, खाद तथा पोषक तत्वों और सूक्ष्मजीवों का लेप लगा दिया जाता है।बीजों के ऊपर मिट्टी तथा अन्य तत्वों का लेप इन्हें पक्षियों, चींटियों और चूहों से भी बचाता है।