राष्ट्रीय खेल पुरस्कार- 2018 (National Sports Award-2018)

Posted on September 22nd, 2018 | Create PDF File

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यदि आपको किसी देश की युवा शक्ति का आंकलन करना है, तो आप उस देश की खेल प्रतिभाओं और उनकी उपलब्धियों से इसका ठीक- ठीक अंदाजा लगा सकते हैं। भारत, विश्व में एक युवा खेल शक्ति के रूप में उभर रहा है। हाल ही में हुए राष्ट्रमण्डल खेलों और एशियाड में भारतीय एथलीटों नें अब तक के सबसे बेहतरीन प्रदर्शन दोहराये हैं। अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगितायें कोई निरंतर या सतत् चलने वाली प्रक्रियाऐं तो हैं नहीं, ऐसे आयोजन एक निश्चित अवधि के बाद ही आयोजित किये जाते हैं। इसलिए इस बीच खिलाड़ियों के निरंतर प्रोत्साहन और पोषण की आवश्यकता होती है। भारत इस दिशा में निरंतर प्रयासशील है। खेलो इंडिया नीति के तहत प्रतिवर्ष 1000 खिलाड़ियों का चयन कर 8 वर्ष तक उन्हें 5 लाख रुपये वार्षिक की आर्थिक सहायता प्रदान करना तथा राष्ट्रीय एवं स्थानीय स्तरों पर विभिन्न श्रेणी की खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन करते रहना खेलों के विकास और प्रोत्साहन की दिशा में ही एक सराहनीय कदम है। इसके अतिरिक्त खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को प्रतिवर्ष राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है। जिसके लिए अलग- अलग खेलों के शीर्ष वरीयता प्राप्त खिलाड़ियों के नामों की अनुशंसा की जाती है। इस वर्ष के राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों की घोषणा की जा चुकी है। जिसमें भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली तथा महिला भारोत्तोलक मीराबाई चानू सहित कई अन्य नाम शामिल हैं। ये पुरस्कार 25 सितम्बर 2018 को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक विशेष समारोह में महामहिम राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी द्वारा प्रदान किये जायेंगे।

 

राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों के अंतर्गत राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार, अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार, मेजर ध्यानचंद पुरस्कार, राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार तथा मौलाना अबुल कलाम आजाद ट्राफी के नाम सम्मिलित हैं। ये पुरस्कार प्रतिवर्ष खेलों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनों को पहचानने, संबंधित खेलों में मान्यता प्रदान करने, खेल प्रतिभाओं को सम्मानित करने तथा खेल उत्कृष्टता को सम्मानित करने के लिए युवा मामले एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रदान किए जाते हैं। नामांकित खिलाड़ियों के इन पुरस्कारों के लिए चुने जाने के लिए एक निश्चित प्रक्रिया का अनुसरण किया जाता है। एक विशेष समिति द्वारा, जिसमें पूर्व ओलंपिक खिलाड़ी, अर्जुन पुरस्कार विजेता, द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता, ध्यानचंद पुरस्कार विजेता, खेल पत्रकार, विशेषज्ञ, कमेंटेटर, और खेल प्रशसक शामिल रहते हैं, योग्य खिलाड़ियों के नामों पर विचार किया जाता है। इस समिति की सिफारिशों के आधार पर उचित जांच के बाद सरकार इन पुरस्कारों हेतु चयनित नामों की घोषणा करती है। हालांकि यह बात अलग है कि कई बार इन पुरस्कारों के चयन प्रक्रिया विवाद के घेरे में भी रही है और समय -समय पर इसमें अपारदर्शिता और भेदभाव के आरोप लगाये जाते रहे हैं। इस बार राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार तथा अर्जुन पुरस्कार के लिए चयनित समितियों की अध्यक्ष न्यायमूर्ति इंदरमिति कौर कोचर ( पूर्व न्यायाधीश दिल्ली उच्चन्यायालय) थीं। वहीं द्रोणाचार्य पुरस्कारों और ध्यानचंद पुरस्कारों के लिए चयन समिति के प्रमुख न्यायामूर्ति मुकुल मुद्गल ( पूर्व मुख्य न्यायाधीश पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट) , मौलाना अबुल कलाम आजाद ट्राफी के लिए पूर्व ओलंपिक खिलाड़ी अशोक कुमार तथा राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार के लिए चयन समिति की अगुवाई राहुल भटनागर, सचिव (खेल) द्वारा की गई थी। इस वर्ष इन पुरस्कारों के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 अगस्त रखी गई थी। जिसके लिए पूरे देश से बड़ी संख्या में नामांकन प्राप्त हुए थे। इसके लिए नामांकित खिलाड़ियों के पिछले 4 वर्षों के खेल प्रदर्शनों को ध्यान में रखते हुए समीक्षा की जाती है।

 

राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार देश में खेलों के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान है। जो कि किसी खिलाड़ी के पिछले चार साल के उत्कृष्ट प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए दिया जाता है। इस पुरस्कार की स्थापना वर्ष 1991-92 में की गई थी। इसके अंतर्गत एक पदक, एक प्रशस्ति पत्र, और साढ़े सात लाख रुपये की धनराशि पुरस्कृत व्यक्ति को दिए जाते हैं। इस वर्ष इस पुरस्कार के लिए दो नामों का चयन किया गया है- एस. मीराबाई चानू ( भारोत्तोलन), विराट कोहली( क्रिकेट)।

 

वहीं अर्जुन पुरस्कारों के अंतर्गत 5 लाख रुपये की धनराशि, अर्जुन की कांस्य प्रतिमा और एक प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। इन पुरस्कारों की स्थापना वर्ष 1961 में की गई थी। ये पुरस्कार भी खिलाड़ियों के 4 वर्षों के प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए दिए जाते हैं। इस वर्ष इन पुरस्कारों के लिए निम्नलिखित 20 नामों का चयन किया गया है- 1. नीरज चोपड़ा ( एथलिटिक्स)  2. नायब सूबेदार जीन्सन जॉनसन ( एथलिटिक्स) 3. हिमा दास ( एथलिटिक्स)  4. नेलाकुर्ती सिक्की रेड्डी ( एथलिटिक्स)  5. सूबेदार सतीश कुमार (मुक्केबाज)  6.  स्मृति मंधाना ( क्रिकेट)  7. शुभंकर शर्मा ( गोल्फ़)  8. मनप्रीत सिंह ( हॉकी)  9. सविता ( हॉकी)  10. कर्नल रवि राठौर ( पोलो)  11. राही सोरनोबत ( शूटिंग)  12. अंकुर मित्तल ( शूटिंग)  13. श्रेयसी सिंह ( शूटिंग)  14. मनिका बत्रा ( टेबल टेनिस)  15. जी. सथियान ( टेबल टेनिस)  16. रोहन बोपन्ना ( टेनिस)  17. सुमित ( कुश्ती)  18. पूजा कादिरान ( वुशु)  19. अंकुर धामा ( पैरा एथलेटिक्स)  20. मनोज सरकार ( पैरा बैडमिंटन)।

 

राष्ट्रीय केल पुरस्कारों के अंतर्गत द्रोणाचार्य पुरस्कार प्रतिष्ठित खेल स्पर्धाओं में पदक विजेताओं को तैयार करने हेतु कोचों ( प्रशिक्षकों) को और खेल विकास में जीवन भर योगदान देने के लिए दिये जाते हैं। इन पुरस्कारों की स्थापना 1985 में की गई थी। इस पुरस्कार के अंतर्गत गुरु द्रोणाचार्य की प्रतिमा, प्रमाणपत्र, पारंपरिक पोशाक और 5 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जाती है। इस वर्ष इस पुरस्कार के लिए कुल 8 लोगों को नामांकित किया गया है। जिनके नाम इस प्रकार हैं-  1. सूबेदार चेनंदा अचच्चा कुटप्पा (मुक्केबाजी)  2. विजय शर्मा (भारोत्तोलन)  3. ए. श्री निवास राव ( टेबल टेनिस)  4. सुखदेव सिंह पन्नू (एथलेटिक्स)  5. क्लैंरेंस लोबो ( हॉकी)  6. तारक सिंह ( क्रिकेट)  7. जीवन कुमार शर्मा (जूड़ो)  8. वी. आर. बीडु ( एथलेटिक्स) ।

 

महान भारतीय हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के नाम पर दिए जाने वाले ध्यानचंद राष्ट्रीय पुरस्कार खेलकूद में आजीवन उपलब्धि के लिए दिए जाने वाले सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार हैं। ये पुरस्कार वर्ष 2002 में शुरू किये गये थे। इन पुरस्कारों के अंतर्गत एक प्रतिमा, प्रमाणपत्र, पारंपरिक पोशाक, और 5 लाख रुपये की धनराशि दी जाती है। इस वर्ष इन पुरस्कारों के लिए 4 नाम नामित किए गये हैं, जो इस प्रकार  हैं – 1. सत्यदेव प्रसाद (तीरंदाजी),  2. भरत कुमार क्षेत्री ( हॉकी)  3. बॉबी अलॉयसियस (एथलेटिक्स) 4. चौगले दादू दत्तात्रेय ( कुश्ती) ।

 

राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार के अंतर्गत कंपनियों को एक ट्राफी और प्रशस्तिपत्र दिया जाता है। ये पुरस्कार निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों की कंपनियों तथा व्यक्तियों को खेलों के प्रोत्साहन और विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए दिए जाते हैं। इस वर्ष इन पुरस्कारों के लिए नामित संस्थायें हैं- 1. राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (उदीयमान और युवा प्रतिभा पहचान),  2. जेएस.डब्ल्यू स्पोर्टस् (कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व के माध्यम से खेल प्रोत्साहन) तथा 3. ईशा आउटरीच (विकास के लिए खेल)।

 

अंतर-विश्वविद्यालयी प्रतियोगिताओं में समग्र रूप से शीर्ष प्रदर्शन करने वाले विश्वविद्यालय को मौलाना अबुल कलाम आजाद ट्राफी के लिए चुना जाता है। इसके अंतर्गत 10 लाख रुपये की धनराशि और प्रमाणपत्र दिये जाने का प्रावधान है। इस वर्ष की मौलाना अबुल कलाम आजाद ट्रॉफी के लिए गुरुनानकदेव विश्वविद्यालय, अमृतसर को चयनित किया गया है।

 

यह बात सही है कि इन सब प्रयासों के बावजूद भी हम खेलों को स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों में सही स्थान दिलानें में अभी तक नाकाम रहे हैं और ओलंपिक जैसी विश्वस्तरीय प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदकों की  भारी कमी से जूझ रहे हैं। लेकिन फिर भी हम ये मानते हैं कि खेल भारतीय समाज का एक अभिन्न अंग हैं। किसी भी व्यक्ति के मस्तिष्क के साथ- साथ सुदृढ़ शारीरिक विकास के लिए भी खेल बेहद जरूरी हैं। ये न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में होने वाले खर्च को सीमित करते हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल प्रतियोगिताओं की मेजबानी के फलस्वरूप देश के आर्थिक सुधारों, इंफ्रास्ट्रक्टर, पर्यटन आदि को बढ़ावा देते हैं बल्कि रोजगारों के अनेक अवसरों को सृजित करने, और आपसी मतभेदों को दूर करके अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मधुर बनानें में भी सहायता करते हैं। इसलिए खेलों के विकास और संवर्ध्दन के निरंतर प्रयास किए जाने की आवस्यकता है। हमें विश्वास है कि- यदि इसी तरह के खेल प्रोत्साहन और संरक्षण के प्रयास निरंतर जारी रहते हैं, तो आने वाले निकट भविष्य में भारत में उच्चस्तरीय खेल प्रतिभाओं को न केवल विकसित किया जा सकेगा, बल्कि विश्व खेल पटल पर हम एक महाशक्ति के रूप में उभरेंगें।